ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक प्रो. रविकांत केंद्र सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार इस बीमारी का महामारी घोषित कर चुकी है। केंद्र सरकार ने बाकायदा आदेश जारी कर सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि ऐसे कार्यक्रम ना किये जाएं, जहां ज्यादा लोग एक साथ जमा हों। बावजूद इसके एम्स ऋषिकेश में निदेशक प्रोफेसर रविकांत एम्स में दीक्षांत समारोह आयोजित करा रहे हैं। इतना ही नहीं इस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आतंत्रिक किया गया है। कार्य्रकम भी तय है। हालांकि, अमित शाह के इस कार्यक्रम में आने या नहीं आने को लेकर अब भी स्थिति साफ़ नहीं है।
14 मार्च को आयोजन
एम्स में 14 मार्च को आयोजित होना है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्टेडेंट मौजूद रहेंग। इसके अलावा परेंट्स और अन्य मेहमानों को भी आमंत्रित किया गया है। सवाल ये है कि जब केंद्र सरकार यह आदेश दे चुकी है कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन ना किया जाए, जिनमें बड़ी संख्या में लोग जमा हों। एडवाजरी में कहा गया है कि भीड़-भाड़ी जगहों से बचें। इसके बाद भी एम्स का दीक्षांत समारोह स्थगित नहीं किया गया है।
व्यवस्थाएं बनाने का अनुरोध
सवाल ये है कि एम्स निदेशक खुद डाॅक्टर हैं। इसके बाद भी दीक्षांत समारोह आयोजित करने पर अड़े हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे को लेकर एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार, डीजीपी अनिल रतूड़ी पत्र लिखकर व्यवस्थाएं बनाने का अनुरोध किया है। देखना यह होगा कि इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार क्या फैसला करती है।
अमित शाह का कार्यक्रम
लोगों का कहना है कि जिस कार्यक्रम में खुद गृह मंत्री को जाना हो, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था और कोरोना के खतरों से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जहां सैकड़ों लोग जमा होंगे। वहां, कोरोना का खतरा कम हैसे हो सकता है। वह भी उस स्थिति में, जबकि एम्स ऋषिकेश में ही प्रदेश के सभी संदीग्ध मरीजों को लाया जाता है।