मालन नदी पर पुल टूटने के बाद प्रदेश के सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराया जा रहा है। सेफ्टी ऑडिट में अब तक प्रदेश के 86 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। इन 86 असुरक्षित पुलों में सबसे ज्यादा पुल गढ़वाल मंडल में असुक्षित पाए गए हैं।
असुरक्षित निकले प्रदेश के 86 पुल
कोटद्वार के मालन नदी पर बने पुल के टूटने के बाद प्रदेश के सभी पुलों का पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में छोटे बड़े 3262 पुल हैं, जिनका सेफ्टी ऑडिट किया जा रहा है। 2,200 पुलों का निरीक्षण अब तक पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा किया जा चुका है।
जिसमें 86 पुल असुरक्षित या खतरे की स्थिति में बताए जा रहे हैं। वहीं 12 पुलों की स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है। जिस पर जिला प्रशासन के द्वारा आपदा विभाग की गाइडलाइन के तहत आवाजाही बंद करने के निर्देश की बात कही जा रही है।
प्रदेश के सभी पुलों का हो रहा सेफ्टी ऑडिट
पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज पांडे का कहना है कि प्रदेश के सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट हो रहा है। जिसके आंकड़े अभी तक सामने आए हैं। वहीं जो पुल माइनर रिपेयर में ठीक हो सकते हैं उनको ठीक किया जा रहा है। जबकि जो पुल खराब स्थिति में है उनकी डिटेल इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों के माध्यम से भी कराए जाने पर सहमति बनी है।
खतरे वाले पुलों पर आवाजाही बंद करने के निर्देश
आपदा विभाग के द्वारा इन्वेस्टिगेशन किए जाने का खर्च उठाने की भी सहमति बनी। साथ ही जान माल का खतरा जिन पुलों पर बताया जा रहा है उनको लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से आपदा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार आवाजाही बंद करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी तरह का कोई नुकसान जान माल का ना हो।
गढ़वाल मंडल में 60 पुल असुरक्षित
अभी तक 2200 पुलों के सेफ्टी ऑडिट में गढ़वाल मंडल के पुलों की स्थिति ज्यादा खराब पाई गई है। 86 असुरक्षित पुलों में से 60 पुल गढ़वाल मंडल में पाए गए हैं। तो 26 कुमाऊं मंडल में पाए गए हैं। जबकि एनएच के 3 पुल भी इनमें शामिल हैं। पीडब्ल्यूडी सचिव की माने तो पहाड़ों में कनेक्टिविटी पुल ही माध्यम है।
ऐसे में सरकार भी इसको लेकर गंभीर है और पुलों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार पूरा खर्चा उठाने के लिए भी तैयार है। इसके साथ ही अन्य मदों से भी पुलों की स्थिति बेहतर हो इसको लेकर बजट की व्यवस्था की जाएगी।