15 जून को होने वाली महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए पक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार
पुरोला विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर ये मामला पीएम मोदी तक पहुंच गया है तो वहीं दूसरी ओर इस मामले में एक पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से इंकार करते हुए तल्ख टिप्पणी की है।
कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मसला – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर ये कहते हुए सुनवाई से इंकार किया है कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मसला है। इस मसले में आप सुप्रीम कोर्ट क्यों आ गए। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आपको प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है ? आपको क्यों लगता है कि प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
याचिकाकर्ता ने वापस ली अपनी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में हाइकोर्ट जाने की सलाह दी है। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद इस मसले पर पत्र याचिका लगाने वाले पक्ष को बड़ा झटका लगा है।
महापंचायत पर रोक लगाने की मांग पर दायर की गई थी याचिका
15 जून को उत्तरकाशी के पुरोला में बुलाई गई बड़ी महापंचायत पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सीजेआई को पत्र याचिका भेजी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है।