उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कामकाज में लेटलतीफी समेत अपने पद का गलत इस्तेमाल करने जैसी वजहों के चलते बड़ा एक्शन लिया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने तीन जजों को जबरन रिटायर किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी की सिफारिश पर राज्यपाल ने तीन वरिष्ठ जजों को रिटायर करने का आदेश जारी कर दिया है।
तीन सीनियर जजों को जबरन किया रिटायर
नैनीताल हाईकोर्ट की वेबसाइट में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार राजेंद्र जोशी श्रम न्यायालय हरिद्वार के पीठासीन अधिकारी, शमशेर अली श्रम न्यायालय काशीपुर के पीठासीन अधिकारी और शेष चंद्र देहरादून के चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश को जबरन रिटायर कर दिया है।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद किया आदेश जारी
बता दें इन तीनों को उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली-2004 (संशोधित 2016) के नियम-25 (क) में उल्लेखित व्यवस्था के अनुसार राज्यपाल ने लोकहित में आदेश दिया है कि तीनों न्यायिक अधिकारी आदेश जारी होने के बाद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। राज्यपाल की मंजूरी के बाद ये आदेश जारी किया गया है।
पूर्व में भी हो चुकी है कार्रवाई
नैनीताल हाईकोर्ट अभी तक अनियमितता व भ्रष्टाचार की शिकायत पर करीब एक दर्जन न्यायिक अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुका है। कार्रवाई की जद में आए न्यायिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, प्रलोभन और अपने पद का दुरूपयोग करने जैसे गंभीर आरोप रहे हैं।