भारत में भारत में हर साल हृदय रोग या सीवीडी से 17.5 मिलियन मौतें दर्ज की जा रहीं हैं। तनावपूर्ण जीवनशैली, बिगड़ता आहार दिल के मर्ज का जोखिम लगातार बढ़ा रहा है।
30 से 40 साल के युवा भी हो रहे प्रभावित
विश्व हृदय दिवस के मौके पर देहरादून के मैक्स अस्पताल के डाक्टरों ने स्वास्थ को प्राथमिकता देने पर जोर दिया है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून में कार्डियक थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. अरविंद मक्कड़ ने कहा है कि हाल के वर्षों में युवाओं में हार्ट अटैकों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। गतिहीन जीवन शैली, लगातार तनाव, अनिद्रा और धूम्रपान जैसी हानिकारक आदतें अत्यधिक शराब का सेवन हृदय की जीवन शक्ति को नष्ट कर रहा है 30 से 40 साल की उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं।
2.5 घंटे की कसरत बचाएगी दिल के रोग से
कार्डियोलॉजिस्ट डा. प्रीति शर्मा की माने तो प्रत्येक सप्ताह पांच दिनों में कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली गतिविधि, कुल मिलाकर न्यूनतम 2.5 घंटे साप्ताहिक प्राप्त करने के लिए अपनी प्राथमिकताओं के साथ अपनी पसंदीदा गतिविधि को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है।
फ्राइड फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें
कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. योगेन्द्र सिंह के मुताबिक दिल के रोगों को कम करने के लिए जरूरी है कि खान पान पर नियंत्रण रखा जाए। फ्राइड फास्ट फूड और प्रोसेस्ड विकल्पों से दूर रहना बेहतर है। पौधों के आधारित खाद्य जैसे कि सब्जियां, फल, और पूरे अनाज ज्यादा लें, साथ ही रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट को कम करें, खासकर उन्हें जिनमें अतिरिक्त चीनी हो।
न लें अधिक तनाव
वहीं कॉर्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. पुनीश सदाना के मुताबिक तनाव प्रबंधन महत्वपूर्ण है क्योंकि चिंता उच्च रक्तचाप की ओर ले जा सकती है। मनोरंजन योग्य तनाव-राहत उपायों को खोजना, जैसे कि ध्यान या फिर फुर्सत के गतिविधियों को हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।