बागेश्वर उपचुनावों से पहले बीजेपी ने कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार को अपनी तरफ कर लिया है। कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत दास के भाजपा ज्वाइन करने के बाद चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। सवाल उठ रहा है कि बीजेपी को आखिरकार एक कांग्रेसी ही मिला जो जीत दिला सकता है।
रंजीत दास के बीजेपी ज्वाइन करते ही चर्चाओं के बाजार गर्म
बागेश्वर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं। जहां एक ओर बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही थी।
तो वहीं कांग्रेस भी जीतने का दावा कर रही थी। इसी बीच रंजीत दास के बीजेपी ज्वाइन करते ही जहां एक ओर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। तो वहीं इस चुनाव को लेकर बीजेपी के लिए चर्चाओं के बाजार गर्म हैं।
बीजेपी को आखिरकार एक कांग्रेसी ही मिला जो जीत दिला सकता है !
रंजीत दास के बीजेपी ज्वाइन करते ही एक सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी को आखिरकार एक कांग्रेसी ही मिला जो जीत दिला सकता है ? जहां एक ओर बीजेपी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही थी तो इस कदम के बाद से बीजेपी सवालों के घेरे में है।
सवाल ये कि अगर बीजेपी की बागेश्वर में जीत पक्की थी तो फिर कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी तरफ क्यों किया गया ? सवाल ये कि क्या बीजेपी को अपनी जात का भरोसा नहीं था जो एक कांग्रेसी का सहारा लेना पड़ा ?
कौन है रंजीत दास ?, जिस से लगी है बीजेपी की आस
बागेश्वर उपचुनाव का संग्राम तो रोचक होने वाला है ये तो इस बात से ही समझ आ गया कि बीजेपी को इतनी मेहनत कर कांग्रेस के प्रत्याशी को अपनी तरफ करना पड़ गया।
बता दें कि रंजीत दास कांग्रेस के प्रत्याशी थो जो कि अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। रंजीत दास के चुनाव आयोग में दाखिल शपथ पत्र के मुताबिक रंजीत दास का पेशा Agriculture है और शिक्षा Graduate हैं।
रंजीत दास ने पिछली बार चंदनराम दास के सामने चुनाव लड़ा था। जिसमें चंदन राम दास ने कांग्रेस के नए चेहरे रंजीत दास को 12141 वोटों के अंतर से हराया था।
इसमें चंदन राम दास को 32211 मत मिले थे। जबकि उनके प्रतिद्धंदी कांग्रेस के रंजीत दास को 20017 वोट मिले थे। बता दें कि तब मामला त्रिकोणीय था। जिसमें आप के बसंत कुमार ने 16 हजार मत प्राप्त किए थे।