आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति का हटना अब तय माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दो दिन अवकाश पर रहे राज्यपाल वापस लौट आए हैं। जिसके बाद कुलपति की छुट्टी होना अब तय माना जा रहा है। बता दें राज्यपाल ने शासन की ओर से भेजी फाइल को मंजूरी दे दी है।
आयुर्वेदिक विवि के कुलपति की छुट्टी तय
शुरू से ही उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय विवादों से घिरा रहा है। विवि के कुलपति डॉ सुनील जोशी पर पद का दुरुपयोग कर वित्तीय अनियमितताएं के आरोप हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील जोशी की नियुक्ति नियम विरुद्ध करार देते हुए पद से हटाने का आदेश पारित किया था।
आज हो सकते हैं आदेश जारी
डॉ जोशी की करीब पांच साल पहले नियुक्ति हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन ने फाइल तैयार का राजभवन भेज दी थी। परंतु राज्यपाल रि. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह दो दिन अवकाश में थे। जिसके चलते फाइल लटकी हुई थी। लेकिन अब बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने फाइल पर अपनी मंजूरी दे दी है। अब किसी भी समय डॉ सुनील जोशी को हटाए जाने का आदेश जारी हो सकते हैं।
ये थे कुलपति पर आरोप
बता दें हरिद्वार निवासी विनोद कुमार चौहान ने याचिका दायर कि थी। जिसमें कहा गया था कि आयुर्वेदिक विवि के कुलपति डॉ जोशी की नियुक्ति अवैध तरीके से हुई है। जोशी कुलपति के लिए निर्धारित योग्यता नहीं रखते हैं। उनके पास कुलपति के पद के लिए पर्याप्त अनुभव नहीं है। इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए।
इसके अलावा चौहान ने कहा था कि कुलपति ने अपने पद का दुरउपयोग कर वित्तीय अनियमितताएं की हैं। शासकीय निर्णयों के विरुद्ध जाकर स्वयं निर्णय लिए हैं। जिसके बाद हाईकोर्ट ने कुलपति की नियुक्ति ही निरस्त कर दी थी।