नैनीताल के ओखलकांडा में एक प्रसूता की प्रसव के बाद मौत हो गई। जिसके बाद परिजन स्वास्थ्य महकमे पर सवाल उठा रहे हैं। गौरतलब है कि इस इलाके में स्वास्थ्य केंद्र खोलने की सालों से मांग की जा रही है। लेकिन गांव वालों की इस मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया। अगर इलाके में स्वास्थ्य केंद्र होता तो शायद प्रसूता की जान बच जाती।
नैनीताल में प्रसव के बाद प्रसूता की मौत
प्रदेश से अक्सर लचर स्वास्थ सुविधाओं की तस्वीरें सामने आती रहती हैं। कभी अस्पताल ना पहुंचने से मौत को कभी सड़क पर ही प्रसव की तस्वीरें सामने आती रहती हैं। जो कि ज्यादातर प्रदेश के पहाड़ी और दूरस्थ इलाकों से सामने आती हैं। ऐसा ही एक मामला नैनीताल से सामने आया है। जहां पर एक प्रसूता की प्रसव के बाद मौत हो गई। परिजनों ने स्वास्थ्य महकमे पर सवाल उठाए हैं।
बच्चे को जन्म देने के आधे घंटे बाद बिगड़ी थी तबीयत
रविवार की रात नैनीताल जिले के ओखलकांडा विकासखंड के गौनियारों गांव में प्रसव के आधे घंटे बाद ही मां की तबीयत बिगड़ गई। कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। जिसके बाद से परिवार वाले और ग्रामीणों के साथ ही जनप्रतिनिधि सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नाकामी को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
स्वास्थ्य केंद्र ना होने के कारण लोगों में आक्रोश
गांव वालों का कहना है कि इलाके में सालों से स्वास्थ्य केंद्र की खोलने की मांग की जा रही है। लेकिन सालों से आज तक उनकी मांगो को अनसुना किया गया।
गौनियारों गांव की ग्राम प्रधान हेमा देवी का कहना है कि सरकार, शासन-प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सालों से स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की जा रही है। लेकिन आज तक किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते मुन्नी देवी को जान गंवानी पड़ी।
स्वास्थ्य सुविधाओं और सड़क के अभाव में लोग गंवा रहे जान
इस मामले में कांग्रेस नेता मदन नौलिया का कहना है कि ओखलकांडा में स्वास्थ्य सुविधाएं और सड़क के अभाव में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी महिला की मौत के लिए ग्रामीण सरकार, शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।