महराष्ट्रः महराष्ट्र के अहमदनगर की रुक्मणी अपने पंसद के लड़के से शादी कर ली। उसी लड़के से वो प्यार भी करती थी। छह महीने तक खुशहाल जिंदगी जीने वाली रुक्मणी और उसके पति को उसके परिवार वालों ने सिर्फ इसलिए जिंदा जला डाला क्योंकि उन दोनों की जाति एक नहीं थी। दोनों अलग-अलग जाति के थे।
रुक्मणी से नाराज उसके पिता, चाचा और मामा ने मिलकर उसके पति और उसे जिंदा आग के हवाले कर दिया। अमदनगर के तालुका के निक्सोज गांव के इस मामले ने एक बार फिर ऑनर किलिंग का मुद्दा सामने ला दिया है। रुक्मणि अनुसूचित जाति (एससी) की की थी और मंगेश अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के लौहार जाति के थे। दोनों ने छह महीने पहले ही लव मैरिज की थी।
रुक्मिणी के पिता और अन्य परिवार वाले इस शादी के खलिाफ थे। लेकिन, मंगेश के परिवार के लोगों ने दोनों के रिश्ते को स्वीकार किया था और शादी के लिए हामी भरी थी। रुक्मिणी के देवर महेश रणसिंघे ने शादी में रुक्मणी की तरफ से सिर्फ उनकी मां आई थीं। रुक्मणी के घर के लोग इस रिश्ते का विरोध कर रहे थे। उन्हें धमकियां देते थे। इससे परेशान होकर रुक्मणी और मंगेश ने इसी साल फरवरी में परनेर पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
30 अप्रैल को रुक्मणी के पिता ने उन्हें अपने घर बुलाया था। उन्होंने रुक्मणी को पीटा। रुक्मणी ने मंगेश को फोन किया और बताया कि उसके परिवारवालों ने उसे पीटा है। दूसरे दिन यानी एक मई को मंगेश रुक्मणी के घर पर पहुंचे। उत्तर प्रदेश में रहने वाले रुक्मणी के चाचा और मामा भी वहां आ गए थे। रुक्मणी के चाचा और मामा ने मंगेश और रुक्मणी को पीटा। और बाद उन्होंने दोनों को रस्सियों से बांध दिया और उन पर पेट्रोल छिड़क कर उन्हें आग के हवाले कर दिया। अस्पताल में रुक्मणी की मौत हो गई, जबकि मंगेश जिंदगी और मौत के बीच अब भी अस्पताल में झूल रहा है।