उत्तरकाशी में दीपावली के दिन हुए टनल हादसे में 41 मजदूर सुरंग में ही फंस गए थे। श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए शासन-प्रशासन लगातार अलग-अलग तरीके अपना रहा ताकि अंदर फंसे श्रमिक जल्द से जल्द बाहर आ सके।
संकटमोचक बनी ‘अमेरिकन ऑगर मशीन’
PMO के बड़े फैसले के बाद हरक्यूलिस विमान के जरिए अमेरिकन ऑगर मशीन सिलक्यारा पहुंचाई गई। जानतें हैं आखिर क्या खास है इस मशीन में जिसने इसे उत्तरकाशी टनल हादसे की लाइफलाइन बना दिया है।
अमेरिकन ऑगर मशीन’ की खासियत
- ऑगर ड्रिल मशीन एक तरह की घुमावदार मशीन होती है। जिसका इस्तेमाल जमीन, कठोर सतह या किसी मेटल की खुदाई में किया जाता है। आपको बता दें की इस मशीन के ब्लेड इतने धारदार और मजबूत होते हैं कि ये कठोर से कठोर मलबे और संरचना को भेद सकते हैं।
- ऑगर मशीन दो तरह से काम करती है। ये मशीन वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग करने में एक्सपर्ट है। अगर किसी पहाड़ में सामने की तरफ खड़ी मिट्टी और पत्थरों की मजबूत लेयर में छेद करना होता है तो इंजीनियर हॉरिजॉन्टल ऑगर ड्रिलिंग मशीन का ही इस्तेमाल करते हैं।
- ऑगर मशीन का इस्तेमाल ज्यादातर कठोर चीजों की ड्रिलिंग के लिए किया जाता है। मार्केट में आज कई तरह की ऑगर मशीन मौजूद हैं। जरूरत के हिसाब से 4 से 18 इंच डायमीटर वाली ऑगर मशीनें आपको आराम से मिल जाएंगी।
- उत्तरकाशी टनल हादसे में इस्तेमाल होने वाली विशालकाय ऑगर मशीन की विशालकायता से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं की ये कितनी हेवी है। ये ऑगर मशीन पांच मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहाड़ काटने में सक्षम है। इससे आसपास के पहाड़ को भी कोई खतरा नहीं होता है।
ऐसे करती है ऑगर मशीन काम
ऑगर मशीन के आगे छेद करने वाला हैमर रॉड लगा होता है। ये हैमर रॉड घूमते हुए मिट्टी और पत्थर की दीवार पर लगातार चोट करता है। पहले ये मशीन गड्ढा खोदती है। फिर ड्रिल करती है। इसी दौरान मशीन आगे भी बढ़ती रहती है