राजधानी देहरादून में अंबीवाला क्षेत्र को चाय बागान घोषित कर दिया गया है। लेकिन इस फैसले से स्थानीय निवासी खुश नजर नहीं आ रहे हैं। अंबीवाला क्षेत्र को चाय बागान घोषित होने से वहां पर नए निर्माणों पर रोक लग गई है। इस से इलोके के लोगों में खलबली मच गई है।
चाय बागान घोषित हुआ अंबीवाला क्षेत्र
दून के अंबीवाला क्षेत्र को मास्टरप्लान-2041 के तहत पूरी तरह चाय बागान घोषित कर दिया गया है। इस के बाद अब कोई भी नया निर्माण अवैध माना जाएगा। लेकिन पुराने निर्माणों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। आपको बता दें कि चाय बागान से सटा अंबीवाला क्षेत्र राजस्व ग्राम है। यहां पहले खेती होती थी।
राजस्व अभिलेखों में यह क्षेत्र कृषि क्षेत्र के रूप में है दर्ज
अंबीवाला राजस्व अभिलेखों में कृषि क्षेत्र के रूप में दर्ज है। लेकिन फिलहाल अभी यहां केवल 25 फीसदी ही खेती रह गई है। ये क्षेत्र पूरी तरह से आबादी क्षेत्र बन गया है। इस इलाके में करीब पांच हजार की आबादी यहां रहती है। इसके साथ ही यहां घरेलू के साथ ही बड़ी संख्या में व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित होती हैं।
फैसले से क्षेत्रवासियों में मची खलबली
अंबीवाला क्षेत्र के चाय बागान घोषित होने से स्थानीय निवासियों में खलबली मच गई है। इलाके के लोग लगातार इस बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत अंबीवाला आबादी वाला क्षेत्र है।
यहां करीब पांच हजार की आबादी के साथ ही स्कूल-कॉलेज और कई व्यावसायिक संस्थान मौजूद है। यह क्षेेत्र चाय बागान से अलग भी है। ऐसे में इसे चाय बागान क्षेत्र घोषित करना समझ से परे है। उनका कहना है कि सोमवार को वो आपत्ति दर्ज कराएंगी।