जोशीमठ में अभी दरारों का सिलसिला थमा भी नहीं है कि उत्तराखंड का दूसरा बड़ा शहर दूसरा जोशीमठ बनता जा रहा है। नैनीताल में लगातार दरारें बढ़ने की वजह से अब टिफिन टॉप को अब पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए बंद कर दिया गया है।
टिफिन टॉप में बंद हुई आवाजाही
नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक टिफिन टॉप में लगातार दरारें बढ़ने के कारण इसे बंद कर दिया गया है। टिफिन टॉप के डोरथी सीट (चबूतरे) में स्थानीय लोगों और पर्यटकों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
लगातार दरारें बढ़ने के कारण ये फैसला लिया गया है। इसके साथ ही टिफिन टॉप पर चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही डोरथी सीट के चारों ओर तारबाड़ लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
टिफिन टॉप में सोमवार को हुआ था स्थलीय निरीक्षण
सोमवार को टिफिन टॉप में टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण कर टीम ने जिला प्रशासन को वहां हो रहे भू-स्खलन एवं दरारों को रोकने के लिए सुझाव दिए। टीम ने सर्वे के बाद सुझाव दिया कि जब तक स्थायी रूप से भू-तकनीकी सर्वेक्षण न हो, तब तक के लिए पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चबूतरे पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया जाए।
तीन साल से लगातार हो रहा है भू- स्खलन
टिफिन टॉप की पहाड़ी पर लगातार तीन साल से भूस्खलन हो रहा है। दरारों के कारण इस से पहले बैंड स्टैंड भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था।इससे पहले गठित सर्वे टीम ने यहां भूमिगत दरारें बढ़ने की पुष्टि की थी।
टीम ने पहाड़ी से पीछे हो रहे भूस्खलन को बेहद ही खतरनाक बताया था। यहां चिंताजनक बात ये है कि दो सालों में इस रिपोर्ट पर कोई कदम नहीं उठाया गया। रिपोर्ट के आधार पर अब तक कोई ट्रीटमेंट प्लान नहीं बन पाया है।
एक साल में बंद करना पड़ा तीसरा पर्यटक स्थल
सरोवर नगरी नैनीताल में भूस्खलन के खतरे और लगातार बढ़ती दरारों के कारण एक साल के भीतर शहर में तीसरा पर्यटक स्थल बंद करना पड़ा है। टिफिन टॉप से पहले मल्लीताल के बैंड स्टैंड और ठंडी सड़क पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी।
टिफिन टॉप पर पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगने के कारण स्थानीय लोगों के रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इस से करीब एक हजार से ज्यादा लोगों का रोजगार सीधे तौर पर प्रभावित होगा।