शीतकाल से उत्तराखंड से रूठा मौसम अब मार्च के माह में कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गया है। बीते तीन दिनों से प्रदेशभर में जगह-जगह वर्षा-बर्फबारी के साथ ही ओलावृष्टि देखने को मिल रही है। शुक्रवार शाम को शुरू हुई वर्षा की झड़ी ने तो मार्च में ही मानसून जैसे हालात बन गए।
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एक बार फिर लौट आई ठिठुरन
नैनीताल में जहां 70 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं देहरादून में 38 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। जो कि वर्ष 2015 के बाद मार्च में एक दिन में हुई सर्वाधिक वर्षा है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी अत्यधिक वर्षा हुई है। जिसके चलते ज्यादातर क्षेत्रों में पारा आठ से 10 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया और एक बार फिर ठिठुरन लौट आई है।
शीतकाल में मौसम की बेरुखी
बीते शीतकाल में प्रदेश में मौसम की बेरुखी के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में सूखे की स्थिति रही। पूरे शीतकाल में प्रदेश में 68 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई। मार्च का महीना शुरू होने के बाद भी मौसम रूठा रहा और माह का प्रथम पखवाड़ा बिन वर्षा के बीता। इस बीच तेजी से तापमान चढ़ने से गर्मी महसूस की जाने लगी। हालांकि, मार्च के दूसरे पखवाड़े के शुरू होते ही मौसम का मिजाज एकदम बदल सा गया।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश में लगातार तीन दिन से रुक-रुककर वर्षा व ओलावृष्टि हो रही है। देहरादून-नैनीताल समेत ज्यादातर क्षेत्रों में शुक्रवार शाम को शुरू हुआ वर्षा का दौर शनिवार शाम तक जारी रहा।
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मूसलाधार वर्षा के चलते तापमान ने भी गोता लगा लिया। साल 2015 में हुई अत्यधिक वर्षा के बाद वर्ष 2023 में एक दिन में सर्वाधिक वर्षा हुई है। बीते 24 घंटे में प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश ने रिकॉर्ड बनाया।
साल 2015 के एक दिन में दर्ज की गई इतनी बारिश
नैनीताल में वर्ष 2015 में एक दिन में 88 मिमी वर्षा हुई थी, जिसके बाद इस बार सर्वाधिक वर्षा हुई है। इसके अलावा कोटद्वार में 40 मिमी, हरिद्वार में 35 मिमी, टिहरी में 32, धनोल्टी में 28, मसूरी में 25 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
दून में बीते आठ साल में मार्च के महीने में 24 घंटे में सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। 2023 में 38 मिमी, 2022 में 00 मिमी, 2021 में 10.1 मिमी, 2020 में 33.5 मिमी, 2019 में 14.4 मिमी, 2018 में 10.4 मिमी, 2017 में 7.1 मिमी, 2016 में 14.3 मिमी, 2015 में 71.6 मिमी दर्ज की गई।
पारे में आई गिरावट
शुक्रवार से लगातार हो रही वर्षा के कारण दून में पारा 10 डिग्री सेल्सियस गिर गया। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में पारे में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, न्यूनतम तापमान अब भी सामान्य से अधिक है। दून में शनिवार को अधिकतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को दर्ज किए गए 30.2 डिग्री सेल्सियस था।