देहरादूनः देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में बना देवस्थानम बोर्ड अब भी सरकार के लिए सिर दर्द बना हुआ है। भाजपा के राष्ट्रीय नेता ने ट्वीट कर देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने के लिए कहा। उनका कहना है कि सरकार को धार्मिक भावनाओं के कारण सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन हो सकता है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता अधिवक्ता डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर अपनी पार्टी को असहज कर दिया है। उन्होंने ट्वीट कर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को देवस्थानम बोर्ड भंग न करने पर आगाह किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि श्अब समय आ गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री आधिकारिक तौर पर उस अधिनियम को निरस्त करने के लिए विधानसभा का रुख करें।
पहले चार धाम सहित सभी 52 मंदिरों को सरकार द्वारा अपने अधिकार में लेने के लिए पारित किया गया था। नहीं तो जल्द ही सरकार के खिलाफ आंदोलन हो सकता है। उत्तराखंड सरकार के देवस्थानम अधिनियम बनाने पर भी डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इसे वापस लेने की पैरवी की थी।
उनका कहना था कि उत्तराखंड सरकार का यह कदम भाजपा की नीति और हिंदुत्व के दर्शन के खिलाफ है। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा था कि प्रदेश की भाजपा सरकार कानून बनाकर अधिकतर मंदिरों को नियंत्रण में ले रही है। अनुरोध किया था कि इस मामले में हस्तक्षेप कर मुख्यमंत्री को उक्त कानून को वापस लेने के निर्देश दें।