ऊधमसिंह नगर : इस साल सरकार ने गन्ने का जो समर्थन मूल्य किसानों के लिए बढ़ाया है उससे किच्छा में किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल गन्ने के समर्थन मूल्य में सिर्फ एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है. एक रुपये के बढ़े समर्थन मूल्य को लेकर अब किसान और विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
गन्ने का समर्थन मूल्य 327 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य का 317
उत्तराखंड में गन्ने की खेती देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में होती है. ऐसे में साल 2018-19 का गन्ना पेराई का सीजन शुरू हो चुका है. सरकार द्वारा गन्ने का समर्थन मूल्य भी घोषित कर दिया गया है. इस साल गन्ने का समर्थन मूल्य 327 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य गन्ने का समर्थन मूल्य 317 रुपये घोषित किया गया है. जो पिछले पेराई सत्र से मात्र एक रुपया बढ़ा है.
पिछले साल 2017-18 में गन्ने का मूल्य सरकार द्वारा 326 रुपये जबकि सामान्य गन्ने का समर्थन मूल्य 316 रुपये रखा था. जिसके बाद अब कांग्रेस सरकार के समर्थन मूल्य को कटघरे में खड़ा कर रही है.
कांग्रेस में दर्जा राज्य मंत्री रहे गणेश उपाध्याय ने सरकार को घेरा
कांग्रेस में दर्जा राज्य मंत्री रहे गणेश उपाध्याय ने सरकार को घेरते हुए कहा कि एक ओर केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय को दुगना करने की बात कह रही है. दूसरी ओर गन्ना किसानों के साथ मजाक किया जा रहा है. पिछले साल की अपेक्षा गन्ने के समर्थन मूल्य में इस साल एक रुपये ही समर्थन मूल्य बढ़ाया है, जो बेहद शर्मनाक है.
उन्होंने बताया कि 3 मार्च 2018 के बाद से भुगतान गन्ना किसानों को नहीं किया गया है. सरकार पर गन्ना किसानों का 326 करोड़ रुपये बकाया है. साथ ही पिछले 2 महीनों से कुमाऊं मंडल पर किसानों के धान का 21करोड़ रुपये बकाया है.