मध्य प्रदेश के नीमच में एक युवक और युवती शादी के बंधन में बंध गए हैं…दोनों ने कोर्ट मैरिज की है…अब आप सोच रहे होंगे इसमे कौन सी बड़ी बात है लेकिन यहां कहानी थोड़ा हटके है. जी हां इन दोनों की प्रेम कहानी को पढ़कर आप भी कहेंगे की सच में सच्चे प्यार में बहुत ताकत होती है.
इन समुदायों पर नाबालिग बच्चियों को वेश्यावृत्ति में धकेलने का लगा है दाग
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आकाश और भारती दोनों बांछड़ा समुदाय से हैं। वही बांछड़ा समुदाय जिसने मालवा के माथे पर नाबालिग बच्चियों को वेश्यावृत्ति में धकेलने का दाग लगा रखा है।बताया जाता है कि मालवा के नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिलों के करीब 68 गांवों में बांछड़ा समुदाय के 250 डेरे हैं जहां खुलेआम वेश्यावृत्ति होती है। इस समुदाय में छोटी बच्चियों को देह व्यापार के दलदल में धकेलने वाले और कोई नहीं बल्कि उनके मां-बाप ही होते हैं।
महू-नीमच हाईवे के आस-पास चंद रुपयों की खातिर बच्चियों के साथ ये दरिंदगी होती है। हैरानी की बात है कि दशकों से ये सब होता आ रहा है लेकिन इसे बंद करवाने के लिए कभी कोई गंभीर पहल नहीं हुई।
इस तरह का बर्ताव देखकर आकाश का बचपन से ही खून खौलता था
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार बांछड़ा समुदाय में बच्चियों के साथ इस तरह का बर्ताव देखकर आकाश का बचपन से ही खून खौलता था। आकाश बड़ा हुआ तो उसने समुदाय की नाबालिग लड़कियों को इस दरिंदगी से बचाने का बीड़ा उठा लिया। आकाश इसके लिए ‘फ्रीडम फर्म’ नाम के एनजीओ के साथ मिलकर काम करने लगा। एनजीओ की मुहिम के साथ जुड़कर करीब 60 लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में फंसने से बचाया जा चुका है।
तीन साल पहले हुए भारती से मुलाकात, पंचायत ने सुनाया अलग रहने का फरमान
आकाश तीन साल पहले ऐसे ही एक रेस्क्यू मिशन पर था कि उसकी मुलाकात भारती से हुई। उस वक्त नाबालिग भारती ने उसे बताया कि वो पढ़ना चाहती है लेकिन उसकी मां उसे देह व्यापार में धकेलना चाहती है। आकाश ने किसी तरह कोशिश कर भारती को नीमच के एक हॉस्टल में भर्ती करा दिया। इसके बाद आकाश और भारती की अक्सर मोबाइल पर बात होने लगी। लेकिन कुछ ही दिन बाद भारती को उसकी मां हॉस्टल से निकाल कर फिर डेरे पर ले गई। भारती का मोबाइल भी छीन लिया गया। यहीं नहीं अपने समुदाय की पंचायत बुलाकर आकाश को भारती से दूर रहने का फरमान भी सुनवा दिया गया।
आकाश की मदद से एनजीओ और पुलिस की कार्रवाई में एक डेरे पर छापा
कुछ समय बाद आकाश की मदद से एनजीओ और पुलिस की कार्रवाई में एक डेरे पर छापा मारा गया, जहां से भारती की मां को पांच लड़कियों से देह व्यापार कराते हुए पकड़ लिया गया। फिर आकाश को भारती का भी पता लग गया।NGO के जरिए भारती की रहने की व्यवस्था नीमच के आश्रम में कराई गई। वहीं आकाश के प्रयासों से भारती की पढ़ाई भी शुरू करा दी गई। देर होने की वजह से भारती को नौंवी क्लास में ही दाखिला मिल सका।
इस साल 21 जनवरी को बालिग हुई लड़की
भारती इस साल 21 जनवरी को बालिग हो गई। आकाश और भारती ने बांछड़ा समुदाय के माथे पर जो दाग लगा है उसे मिटाने के लिए मिलकर लड़ने का फैसला किया। साथ ही शादी की डोर में बंधने का भी। कोर्ट में दोनों के जीवन-साथी बनने की भी घड़ी आ गई।
नीमच के एसपी मनोज सिंह ने इस मौके पर आकाश और भारती को सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद दिया। एसपी ने कहा कि बांछड़ा समुदाय के लोगों से बात कर इस बुराई को मिटाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। एसपी के मुताबिक इस समुदाय के जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं उनकी पूरी मदद की जाएगी।
ये खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है…हालांकि ये पुरानी खबर है लेकिन इन दिनों भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है…और हमारी ये खबर प्रकाशित करने का सिर्फ यही उद्देश्य है कि अगर हर कोई आकाश की तरह सोचे तो कई बुगुनाह मासूम बेटियों की जिंदगी तबाह होने से बच जाएगी और वो पढ़ पाएंगी…साथ भी कई बेटियां पुरानी घटिया चलन से भी बच जाएगी और दूसरी लड़कियों को भी बचा पाएंगी.