एक युवक ने पुलिस कर्मचारियों के मोटापे पर आपत्ति जताते हुए बड़ा कदम उठाया. दरअसल पुलिसवालों के मोटापे को लेकर एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुलिस कर्मचारियों के मोटापे को लेकर शिकायत की.युवक ने 2016 में प्रधानमंत्री के नाम ये शिकायत पत्र भेजा था, जिस पर स्थानीय पुलिस की 2018 में जवाब तलब हुई.
ज्वॉइनिंग के करीब डेढ़-दो वर्ष के अंतराल में पुलिस कर्मी मोटापे का शिकार होने लगते हैं
शिकायत में लिखा था कि पुलिस विभाग में ज्वाइनिंग के समय फिटनेस टेस्ट लिया जाता है। टेस्ट क्लीयर करने के बाद ही विभाग में तैनाती होती है। मगर देखने में आता है कि विभाग में तैनात होने के बाद ही करीब डेढ़-दो वर्ष के अंतराल में पुलिस कर्मी मोटापे का शिकार होने लगते हैं। वह पहले की तरह फिटनेस का ध्यान नहीं रख पाते। इसलिए ये टेस्ट हर छह महीने बाद दोबारा होते रहना चाहिए।
शिकायतकर्ता का पक्ष सुन पुलिस से जवाब मांगा गया है
पत्र की कॉपी कुछ दिन पहले स्थानीय पुलिस के पास पहुंची। जिसमें शिकायतकर्ता का पक्ष सुन जवाब मांगा गया है।
मुक्तसर(पंजाब) की भट्ठे वाली गली निवासी रवि कुमार पुत्र लाला राम ने की शिकायत
पुलिस प्रशासन की ओर से डीएसपी ने युवक को पक्ष सुनने को बुलाया और पुलिस विभाग में पेश आ रही मुश्किलें युवक के सामने रख दीं। मुक्तसर की भट्ठे वाली गली निवासी रवि कुमार पुत्र लाला राम ने बताया कि 2016 में उसने प्रधानमंत्री आफिस की ऑनलाइन वेबसाइट पर पुलिस कर्मियों के मोटापे व बिगड़ रहे डील-डौल की शिकायत भेजी थी।
चेतावनी देकर एक मौका और दिया जाए या उसे तुरंत सस्पेंड किया जाए-युवक
युवक ने कहा कि अगर ऐसा टेस्ट हर छह महीने बाद होगा तो पुलिस कर्मचारी अपनी फिटनेस के प्रति सतर्क रहेंगे। अगर कोई कर्मचारी टेस्ट क्लीयर न कर पाए तो उसे या तो अपनी फिटनेस के लिए चेतावनी देकर एक मौका और दिया जाए या उसे तुरंत सस्पेंड किया जाए।
एक्टिव नहीं हैं तो विभाग को उनकी जगह नई भर्ती करनी चाहिए- शिकायतकर्ता
युवक के अनुसार पुलिस विभाग जिम्मेदारी वाला है। अगर पुलिस कर्मी ही अनफिट होंगे या कहें कि ज्वाइनिंग के समय जैसे बाद में भी एक्टिव नहीं हैं तो विभाग को उनकी जगह नई भर्ती करनी चाहिए। रवि ने बताया कि शिकायत की कॉपी अब जाकर जिला पुलिस को मिली है। डीएसपी तलविंदर सिंह गिल ने उन्हें पक्ष रखने को बुलाया।
मोटापा आ ही जाता है-डीएसपी
रवि के अनुसार डीएसपी ने कहा कि उसकी बात सही है। मगर ये कैसे संभव है कि टेस्ट हर छह माह बाद दोबारा हो, क्योंकि जब युवक ज्वाइनिंग कर पुलिस कर्मी के तौर पर तैनात होता है तो उस समय उसकी उम्र 21 या 22 वर्ष होती है। मगर उम्र बढ़ते-बढ़ते 50 तक पहुंचते मोटापा आ ही जाता है। ऊपर से पुलिस विभाग का काम भी ऐसा है कि कोई छुट्टी नहीं। 12 घंटे काम व जरा भी आराम नहीं मिल पाता। कई बार तो सोने का समय नहीं मिल पाता। तो मोटापा आ ही जाती है.
डीएसपी का कहना है कि हमने युवक से मिलने के बाद अपनी रिपोर्ट बनाकर भेज दी है।