नैनीतालः उत्तराखंड में एक भारतीय जनता पार्टी के नेता और जिला पंचायत सदस्य विरेंद्र मनराल (38) की हत्या के मामले में पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने दावा किया है कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि बीजेपी नेता ने हत्या सुपारी किलिंग के पैसे नहीं दिए जिसके चलते गोली मारकर कोर्ट के बाहर उनकी हत्या कर दी गई थी.
विरेंद्र मनराल ने 2015 में एक प्रभावशाली व्यक्ति की हत्या करवाने में ली थी मदद
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो विरेंद्र मनराल ने 2015 में एक प्रभावशाली व्यक्ति की हत्या करवाने में देवेंद्र उर्फ भाउ नाम के व्यक्ति की सहायता ली थी. हत्या के बाद मनराल ने सुपारी के पैसे नहीं दिए जिससे देवेंद्र विरेंद्र मनराल से खफा था.
इस हत्याकांड में थे रामनगर के रहने वाले मनराल और भाउ दोनों आरोपी
इस हत्याकांड में रामनगर के रहने वाले मनराल और भाउ दोनों आरोपी थे. 1 सितंबर को केस के सिलसिले में दोनों कोर्ट में पेशी के लिए आए थे. पुलिस की मानें तो शनिवर को देवेंद्र ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर बीजेपी नेता को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने इस मामले में अब देवेंद्र के अलावा सोनू कांडपाल, हरीश फरतयाल और संजय नेगी को दोषी बनाया है. रामनगर के एसएचओ ने बताया कि देवेंद्र और विरेंद्र 2015 में हुई हेमंत कांडपाल की हत्या के आरोपी थे. मनराल ने हेमंत की हत्या की योजना बनाई थी. घटना के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद मनराल को बेल मिल गई और बाद में देवेंद्र भी जेल से बाहर आ गया.
न दे रहा था तय की गई रकम और ना ही कर रहा था बेल दिलाने में उसकी कोई मदद
लेकिन देवेंद्र के मुताबिक मनराल ने उसका इस्तेमाल किया था जिसके चलते वह उससे खफा था. उसका कहना था कि उसके पकड़े जाने पर मनराल ने कानूनी पैरवी भी नहीं थी. पुलिस ने आगे बताया कि देवेंद्र का कहना था कि मनराल हत्या के लिए तय की गई रकम भी नहीं दे रहा था और ना ही बेल दिलाने में उसकी कोई मदद कर रहा था. जिससे गुस्साए देवेंद्र ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनराल की हत्या कर दी. पुलिस ने मनराल के बारे में बताया कि वह खुद भी एक हिस्ट्रीशीटर था क्योंकि उस पर 15-20 मामले चल रहे थे, उन्होंने बताया कि हमने मनराल को चेताया भी था कि देवेंद्र उसकी हत्या कर सकता है.