देहरादून(मनीष डंगवाल)- सीएम त्रिवेंद्र ने विधानसभा वार समीक्षा की बैठक की शुरुआत आज देहरादून जिले से हुई. जिसमें पीसीसी चीफ और चकराता से कांग्रेसी विधायक प्रीतम सिंह को सीएम के द्वारा ली जा रही विधानसभा के विकास कार्यो की समीक्षा बैठक में शामिल होने नहीं हुए.
खबर उत्तराखंड ने जब पीसीस चीफ से फोन पर बात कर इसकी जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि उनको सरकार की ओर से समीक्षा बैठक के लिए कोई बुलावा नहीं आया. साथ ही उन्होंने खबर उत्तराखंड को बताया कि भले बैठक शुरु हो गई हो लेकिन अगर अभी भी सरकार की ओर से उन्हे उनकी विधानसभा में विकास कार्यो की समीक्षा के लिए बुलाया जाता है तो वो खुशी-खुशी बैठक शामिल होंगे.
सीएम ने पहले बीजेपी के 57 विधायकों के विधानसभाओं की समीक्षा बैठक लेने का आदेश दिया
कांग्रेसी विधायकों के विरोध के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फैसला लिया था कि वह प्रदेश के सभी विधानसभाओं में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक लेंगे.जबकि पहले सीएम ने मात्र बीजेपी के 57 विधायकों के विधानसभाओं की समीक्षा बैठक लेने को लेकर आदेश जारी कर दिया था. लेकिन कांग्रेस के कई विधायकों ने सीएम को उनके राजधर्म की मर्यादा याद दिलाई कि सीएम ने शपथ लेते पूरे प्रदेश के विकास करने की शपथ ली थी फिर सीएम ने कांग्रेस के 11 औऱ निर्दलीय 2 विधायकों की विधानसभाओं की समीक्षा बैठक क्यों नहीं लेने का निर्णय लिया. लेकिन कांग्रेस के विरोध के बाद सीएम ने सभी 70 विधानसभाओं की समीक्षा बैठक लेने का निर्णय लिया.
लेकिन जिस तरह से जिले वार समीक्षा बैठक का दौर शुरु हो गया है और देहरादून जिले के एकमात्र कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह को सरकार की ओऱ से निमंत्रण नहीं पहुंचा है उससे कई सवाल फिर से खड़े हो रहे हैं.
बीजेपी के सभी विधायकों को मिला निमंत्रण लेकिन कांग्रेस की नहीं
पहला तो यही है कि अगर सीएम को कांग्रेसी विधायकों की विधानसभाओं की समीक्षा बैठक नहींं लेनी थी तो फिर क्यों सीेएम ने ये निर्णय लिया की वह सभी विधानसभाओं की समीक्षा बैठक करेंगे. और अगर सच में सीएम सभी विधानसभाओं की समीक्षा बैठक लेने को लेकर गंभीर है तो फिर विधायक प्रीतम सिंह को निमंत्रण क्यों नहीं मिला जबकि बीजेपी के सभी विधायकों को निमंत्रण मिला.
निमंत्रण को लेकर छुपा है कई राज
ये पहली बार नहीं हो रहा जब त्रिवेंद्र सरकार ने विपक्ष को निमंत्रण न पहुंचा हो.अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस पर एफआरआई में हुए भव्य योगा कार्यक्रम का निमंत्रण कई कांग्रेसियों को नहीं मिला जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को योगा दिवस के कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया है.
अफगानिस्तान-बांग्लादेश के बीच हुए मैच में भी निमंत्रण न मिलने की बात कही
वहीं राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अफगानिस्तान-बांग्लादेश के बीच हुए पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच के निमंत्रण को लेकर भी यही देखने को मिला जब सरकार की ओर से कहा गया कि कांग्रेस के कई नेताओं को उद्धघाटन मैच के लिए निमंत्रण भेजा गया है. लेकिन कांग्रेस ने निमंत्रण न मिलने की बात कही थी.
आखिर सरकार की ओर से कौन बक्से में भेजे जा रहे हैं निमंत्रण पत्र
ऐसे में सवाल ये उठता है सरकार की ओर से जो निमंत्रण विपक्ष को भेजे जा रहे हैं वो पोस्ट ऑफिस के कौनसे बक्से में जा रहे हैं जो विपक्षीय नेताओं नहीं मिल पा रहे हैं.