कोटद्वार: कोतवाली पुलिस ने लकड़ीपड़ाव स्थित धार्मिक स्थल में मांस फिकवाने और एक संप्रदाय विशेष को धमकी भरा पत्र लिखने के आरोपी दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। दोनों आरोपियों को पुलिस ने यहां कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में पौड़ी जेल भेजने के आदेश हुए हैं
बताते चलें कि 27 जुलाई 2016 को लकड़ीपड़ाव स्थित मदीना मस्जिद में मांस व धमकी भरा पत्र पुलिस ने बरामद किया। मस्जिद में मांस मिलने की सूचना जंगल में आग की तरह फैली। मामला सांप्रदायिक रंग लेता, इससे पूर्व ही पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
जांच के दौरान पुलिस को धमकी भरे पत्र में शुभम गुप्ता का नाम लिखा मिला, लेकिन शुभम से पूछताछ में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई, जिनसे यह साबित होता कि धमकी भरा पत्र शुभम ने लिखा है। जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों से पूछताछ करने के साथ ही मांस के पैकेट पर मिले फिंगर प्रिंट्स की जांच भी करवाई।
मंगलवार को कोतवाली में आयोजित पत्रकार वार्ता में एएसपी डॉ.हरीश वर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए घटना को अंजाम देने वाले दो युवकों को मीडिया से मुखातिब किए। डॉ.वर्मा ने बताया कि शुभम से पूछताछ के दौरान पता चला कि उसका अपने जीजा पटेल मार्ग निवासी अंकुर बंसल पुत्र स्व.रमेश बंसल से विवाद चल रहा है और अंकुर उसे फंसाने के लिए ऐसी हरकत कर सकता है। शुभम से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने अंकुर से पूछताछ शुरू कर दी।
डॉ.वर्मा ने कहा कि सख्ती से की गई पूछताछ में अंकुर ने जुर्म कबूल कर दिया। बताया कि उसने अपने मित्र आमपड़ाव निवासी नौशाद पुत्र शहजादा से धमकी भरा पत्र लिखवाने के बाद दोनों बाइक से मस्जिद में पहुंचे और पत्र व मांस को मस्जिद में रख दिया। उन्होंने बताया कि फिंगर प्रिंट्स के मेल के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.