बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को 1998 में दो काले हिरणों के शिकार के मामले में गुरुवार को 5 साल जेल और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। उनके साथ केस में आरोपी रहे सैफ अली खान, तब्बू, सोनम और सोनाली बेंद्रे को कोर्ट ने बरी कर दिया। कोर्ट ने सलमान को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें ‘आदतन अपराधी’ भी ठहराया। सजा का ऐलान होते ही उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया। रेप के आरोपी आसाराम और एक मुस्लिम शख्स की हत्या कर वीडियो बनाने का आरोपी शंभूलाल रैगर भी इसी जेल में बंद हैं। सलमान की जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। सजा मिलने के बाद जब वह जेल पहुंचे तो सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। उन्हें आसाराम के पड़ोसी बैरक नंबर 2 में रखा गया।
मेरे दादाजी भी डीआईजी थे-सलमान
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के माने तो सलमान गुरुवार दोपहर 3 बजे के करीब सेंट्रल जेल पहुंचे। यहां उनकी तलाशी ली गई। इस दौरान उन्हें अपने लॉन्ग शूज उतारने में काफी दिक्कत हुई। जेल में अंदर जाने के बाद डीआईजी जेल ने सलमान को अपना परिचय दिया। इस पर सलमान ने उनसे कहा, ‘मेरे दादाजी भी डीआईजी थे।
औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सलमान जेल के अंदर चले गए। हालांकि, जेल अधिकारियों के साथ बैठे सलमान की एक फोटो वायरल हो गई। इसमें वह अफसरों के सामने तनकर बैठे नजर आते हैं।
उधर डीआईजी विक्रम सिंह ने यह साफ कर दिया कि जेल में सलमान को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा और उनके साथ आम कैदियों जैसा ही बर्ताव होगा। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलमान को जेल में रात के खाने के तौर पर रोटी, पत्ता गोभी की सब्जी और चने की दाल दी गई थी। हालांकि, सलमान ने नहीं खाया। उनके बॉडीगार्ड शेरा उनके लिए कुछ नाश्ता लाए थे, जिसे वापस कर दिया गया।
जमानत नहीं मिली तो तीन दिन बिताने होंगे जेल में
बता दें कि सलमान की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को जोधपुर सत्र न्यायालय में सुनवाई होगी। अगर जमानत नहीं मिली तो छुट्टियों की वजह से उन्हें जेल में कम से कम तीन दिन और बिताना होगा।
सलमान खान चौथी बार जोधपुर जेल में हैं
सलमान खान चौथी बार जोधपुर जेल में हैं। इससे पहले वह चिंकारा के शिकार के मामलों में 1998, 2006 और 2007 में भी इस जेल में 18 दिन बिता चुके हैं। सलमान कई मुकदमे झेल रहे हैं। हालांकि, शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए फुटपाथ पर लेटे एक शख्स को कुचल कर मार देने के मामले में वह बंबई हाई कोर्ट से बरी हो चुके हैं। इसके अलावा, लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बावजूद हथियार रखने के मामले में भी वे बरी हो चुके हैं।