ऋषिकेश: यमकेश्वर प्रखंड के एक गांव से किशोरी को बहला-फुसलाकर भगाने के आरोप में पुलिस ने उसी के ही सगे मामा को गिरफ्तार कर किशोरी को बरामद किया है।
क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने पटवारी चौकी में अपनी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री की 12 फरवरी से लापता होने की रिपोर्ट लिखाई थी। बाद में यह मामला लक्ष्मण झूला पुलिस को सौंप दिया गया। थानाध्यक्ष लक्ष्मण झूला प्रदीप कुमार राणा ने बताया कि जांच के दौरान लड़की के मामा की भूमिका संदिग्ध नजर आई थी।
इस आधार पर उक्त व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है। बीती शुक्रवार की रात करीब 11:30 बजे नटराज चौक पर उक्त किशोरी एक अधेड़ अधेड़ व्यक्ति के साथ नजर आई पूछताछ करने पर पता चला कि यह वही किशोरी है जो 12 फरवरी को लापता हुई थी। उसके साथ में उसका मामा है।
पुलिस ने बताया कि किशोरी के मामा सुरेंद्र उर्फ मोहम्मद उमर 55 वर्ष पुत्र चतर मणि निवासी पीर वाली गली थाना कुतुबशेर सहारनपुर टेलर का काम करता है। सुरेंद्र ने सहारनपुर जाने के बाद अपना धर्म परिवर्तन किया और वही एक मुस्लिम युवती से शादी कर ली थी।
चार वर्ष पूर्व उसकी पत्नी की मौत हो गई। सुरेंद्र 40 वर्ष बाद पिछले साल अपनी बहन के गांव पहुंचा था। तभी से वह इस परिवार के साथ घुल मिल गया। उसने किशोरी को मोबाइल भी दिया था। 12 फरवरी को उसने किशोरी को थाना लक्ष्मण झूला के फूलचट्टी क्षेत्र में बुलाया और अपने साथ गाड़ी में पटियाला ले गया। सुरेंद्र उर्फ मोहम्मद उमर की छह पुत्री व एक पुत्र है।
पुत्र शहनवाज उर्फ सोनू की सहसपुर में परचून की दुकान है। वह रामपुर सहसपुर देहरादून में रहता है। पुलिस ने सुरेंद्र और उसके पुत्र का मोबाइल सर्विलांस पर लगाया था, जिससे उनकी लोकेशन पता चलती रही। शुक्रवार की रात यह लोग किसी काम से ऋषिकेश आए और पुलिस द्वारा पकड़ लिए गए। किशोरी और आरोपी को पौड़ी न्यायालय भेजा गया है।