देहादून( हिमांशु चौहान) – दून पुलिस के हाथ बड़ी कामयबी लगी है, पुलिस की एसओजी टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों को बीमा पॉलिसियों के नाम पर ठगा करता था। गिरोह में ऐसे शातिर युवक हैं जो पहले नोएडा के एक कॉल सेंटर में मोबाइल ऑपरेटर का काम करते थे और पूरे भारत के विभिन्न राज्यों के कस्टमरों को पॉलिसी बेचने के लिये कॉल करते थे।
इस कार्य के लिये पॉलिसी कम्पनी इन लोगो को कस्टमर डाटा उपलब्ध कराती थी, इस डाटा में कस्टर का पूरा नाम, पता, मोबाईल नम्बर, पॉलिसी की सम्पूर्ण जानकारी होती थी । कॉल सेंटर में काम करते करते उनके दिमाग में लोगों को बीमा पॉलिसियों के जरिए ठगने का आइडिया आया।
ये ठग बेहद शातिर तरीके से अपना काम करते थे। अलग-अलग नंबर से ये लोगों को कॉल करते अपने आपको किसी बीमा कंपनी का एजेंट बताते उनसे उनकी मृत पॉलिसियों के बारे में जानकरी लेते उन्हें कम किश्त में ज्यादा बीमा दिलवाने का लालच देते उनकी मृत पालिसियों को कम रकम देकर फिर से चालू करवाने का भंरोसा देते थे।
ये फर्जी बीमा ऐजेंट ग्राहक के जाल में फंसने के बाद फोन के जरिए ग्राहक के बेहद करीब हो जाते और उससे उसके खातों के बारे मे भी महत्वपूर्ण जानकारी ले लेते। जब ग्रहाक पूरा भंरोसा कर लेता तो ये ठग किसी फर्जी एकाउंट में ग्राहक से बीमे की किश्त डालने को कहते। लालच और भंरोसे मे आकर ग्राहक इनके कहे अनुसार अपनी गाढ़ी कमाई को इन पर लुटाता रहता।
लेकिन कहते हैं काठ की हांडी हर बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती, देहरादून के बसंत विहार इलाके के एन.के.शुक्ला को 85 लाख की चपत लगने के बाद होश आया और उन्होंने पुलिस को खबर की। दून पुलिस ने भी फुर्ती दिखाते हुए एक हफ्ते के भीतर इस ठग गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। हालांकि अभी पुलिस के हत्थे तीन आरोपी ही चढ़े हैं लेकिन माना जा रहा है पुलिस अब सभी को जल्द गिरफ्तार कर लेगी।
सर्विलांस के जरिए पुलिस ने मुखबिर की मदद से ठगों को दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके से गिरफ्तार कर लिया। जबकि बाकि अभियुक्त सुनील कुमार व सोनू कुमार की तलाश हेतु पुलिस टीमें गठित कर दिल्ली और बिहार समेत दूसरे राज्यों भेज दी है।
वहीं पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना नाम रोशन,विनय और रमेश बताया। जिनमे रोशन बिहार के भागलपुर का जबकि रमेश यूपी के हरदोई का और विनय दिल्ली का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपियों से पांच फोन और 10 सिम भी बरामद किए हैं। ठगी के इस मामले में 17 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है।