राज्य गठन के 25 साल पूरे होने पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र ने उत्तराखंड की पुरानी दरारों को एक बार फिर उभार दिया। मंगलवार को सदन में पहाड़ बनाम मैदान की बहस ने ऐसा तूल पकड़ा कि विकास का एजेंडा पीछे छूट गया और सियासत के स्वर तीखे हो गए।
विधानसभा में गरमाया पहाड़-मैदान विवाद
दरअसल, सत्र के दूसरे दिन मामला तब भड़क गया जब भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके को सदन में नरक बताया। इस पर विपक्ष ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश, तिलक राज बेहड़, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने एक स्वर में आपत्ति जताई। कापड़ी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, जब भाजपा की सरकार भूमिधरी का अधिकार नहीं दे पा रही, तो उसे अतिक्रमण का नाम दे रही है।
हल्द्वानी विधायक ने उठाई राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की मांग
वहीं हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में कहा, हमें गर्व होना चाहिए कि सबने मिलकर उत्तराखंड को संवारा है। पहाड़-मैदान की बात करना गलत है। हृदयेश ने कहा पूर्व सीएम एनडी तिवारी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर सिडकुल बनाया, जिससे लाखों परिवार पल रहे हैं। लेकिन सिडकुल की कंपनियों में शीर्ष पदों पर बमुश्किल पांच प्रतिशत युवा हमारे हैं। उन्होंने उपनलकर्मियों के नियमितीकरण और राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की भी मांग उठाई।
मुन्ना चौहान बोले धर्मशाला नहीं है उत्तराखंड
भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि वह किसी वाद के समर्थक नहीं, लेकिन पहाड़ के सरोकारों के पक्षधर जरूर हैं। उत्तराखंड कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आए, जाति प्रमाणपत्र बनवाए और नौकरी पा जाए। हमें भू-कानून पर गंभीरता से सोचना होगा। चौहान ने राज्य की डेमोग्राफिक प्रोफाइल में हो रहे बदलाव पर भी चिंता जताते हुए कहा कि बनभूलपुरा जैसी स्थिति पूरे राज्य में नहीं बनने दी जानी चाहिए।
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बसपा विधायक शहजाद बोले हम सब उत्तराखंडी हैं
बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा कि हमने पहाड़ के तीन नेताओं को लोकसभा भेजा है, हमारी मानसिकता गलत नहीं है। पहाड़ से विधायक बनते ही लोग देहरादून-हल्द्वानी में मकान बना लेते हैं। सरकार 9000 एकड़ कब्जा मुक्त भूमि को गरीबों को पट्टे पर दे। उन्होंने लक्सर विधानसभा के लिए विशेष पैकेज की मांग भी उठाई।
सुबोध उनियाल को करना पड़ा हस्तक्षेप
मामला तूल पकड़ता देख आखिर में संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल को हस्तक्षेप करना पड़ा। मंत्री ने कहा कि पूरा उत्तराखंड एक है। हम सब उत्तराखंडी हैं, हमें विकास पर बात करनी चाहिए। राज्य की असली ताकत इसकी एकता है।



