हल्द्वानी- अब आपको अगर किसी सरकारी विद्यालय के पुस्तकालय को टटोलेंगे तो आपको वो किताब भी दिखाई देगी जिसको रखने के निर्देंश राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिए हैं।
राज्य के सभी जिला परियोजना अधिकारियों को निर्देशित करते हुए सीएम ने कहा है कि, अब राज्य के हर विद्यालय के पुस्तकालय में भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर किताब होनी चाहिए।
लिहाजा शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रम्सा) के तहत प्रदेश में पुस्तकालयों के लिए किताब खरीदने की भी शुरू हो चुकी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने सक्रियता दिखाते हुए जिले के सभी राज्य परियोजना अधिकारियों को मुखर्जी की पुस्तकों को खरीदने के लिए निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी जवाहर लाल नेहरू कैबिनेट में उद्योग मंत्री रहे और देश में कई उद्योगों को स्थापित करवाने में अपना योगदान दिया। हालांकि बाद में वैचारिक मतभेद के चलते मुखर्जी ने ऩया रास्ता बनाया। एेसे व्यक्तित्व पर लिखी किताब राज्य के विद्यालयी पुस्तकालयों में रखने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से निवेदन दिल्ली के प्रकाशक हरीश चंद्र ने किया है।
बताया जा रहा है कि इस बारे में हरीश चंद्र ने 17 सितंबर, 2017 को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था। पत्र में कहा गया कि कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का देश की राजनीति में महत्वूपर्ण योगदान रहा। इसके साथ ही प्रकाशक ने इस पुस्तक को विद्यालयों के साथ ही मंत्रियों व विधायकों से भी खरीदने का अनुरोध करने की बात लिखी है।
इस पत्र के आधार पर राज्य माध्यमिक शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना अधिकारी अल्मोड़ा एचबी चंद ने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर पुस्तक खरीदने के निर्देश दिए हैं।जिसके तहत अब राज्य के हर विद्यालय के पुस्तकालय के लिए पांच हजार की किताबें प्रकाशक से खरीदी जाएंगी। यानि प्रकाशक के एक खत ने उसकी तकदीर के साथ साथ विद्यालयों के पुस्तकालयों की भी सेहत भी दुरुस्त कर दी है।