बेंगलुरु में जल संकट गहरा रहा है लेकिन शायद लोग इस तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। अब बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने शहर के 407 परिवार पर 20 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है। बताया गया है कि इन परिवारों द्वारा पीने के पानी का इस्तेमाल गाड़ियां धोने और बागवानी के लिए किया जा रहा था। बोर्ड द्वारा इन परिवारों से कुल 20.3 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
बता दें कि बेंगलुरु शहर में नया नियम शुरु किया गया था। इसके तहत किसी भी परिवार द्वारा पीने के पानी का उपयोग अन्य गतिविधियां करने पर 5000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है। अगर उपयोगकर्ता द्वारा यह साबित किया जाता है कि पानी को पुनर्चक्रित किया गया है, तो उसे जुर्माना नहीं देना होगा। अपराध दोहराने पर 500 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाता है। शहर में पानी की किल्लत के कारण बोर्ड ने 10 मार्च से वाहन धोने, बागवानी, स्विमिंग पूल भरने और निर्माण जैसी गतिविधियों के लिए पीने योग्य पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। लोगों से ऐसे उद्देश्यों के पूर्ति के लिए उपचारित पानी का उपयोग करने के कहा गया है।
बोर्ड ने 407 लोगों पर लगाया जुर्माना
बीडब्ल्यूएसएसबी के एक अधिकारी का कहना है कि बोर्ड ने 9 अप्रैल तक 407 लोगों पर जुर्माना लगाया है और नियम तोड़ने वालों से अब तक 20.3 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है। बोर्ड के अधिकारी पीने योग्य पानी के अनुचित उपयोग के संबंध में लगातार अलर्ट जारी करते हुए कार्रवाईयां भी कर रहे हैं। बोर्ड के मुख्य अभियंता सुरेश बी का कहना है कि जनता भी उन परिवारों के बारे में बोर्ड को जानकारी दे रही है जो बागवानी या वाहनों की सफाई के लिए पीने योग्य पानी का उपयोग कर रहे हैं। उनका कहना है कि किसी को वाहन साफ करते हुए देखने पर तुरंत जुर्माना नहीं वसूला जाता, बल्कि पहले यह पूछा कि पानी का स्रोत क्या है। अगर संबंधित व्यक्ति पेयजल का इस्तेमाल कर रहा है, तभी जुर्माना वसूला जाता है।
कई बोरवेल सूख गए
बता दें कि बेंगलुरु जल संकट की वजह से शहर में रहना पहले से भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। अल नीनो प्रभाव के कारण 2023 में कम बारिश हुई और इस वजह से भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। शहर और उसके आसपास के कई बोरवेल सूख गए हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास में भी टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है।