देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और नायाब नमूना तैयार हुआ है। ये है देश का सबसे लंबा ब्रिज सुदर्शन सेतु। इस ब्रिज को आज पीएम मोदी ने गुजरात के द्वारका में राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। यह ब्रिज 2.32 किलोमीटर लंबा है। आइये जानते हैं सुदर्शन पुल की खासियत।
सुदर्शन पुल की खासियत
- सुदर्शन पुल का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसे ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के नाम से जाना जाएगा। ये पुल द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बहुत खास महत्व रखेगा।
- चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े ब्रिज पर दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं। बताया जा रहा है कि सुदर्शन सेतु का अद्वितीय डिजाइन है। इसमें दोनों तरफ श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा एक फुटपाथ है।
- इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी।
- सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को भेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्हें नाव पर निर्भर रहना पड़ता था। मौसम खराब हो तो लोगों को प्रतीक्षा करनी होती थी। अब इस ब्रिज के बन जाने से देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रुप में भी काम करेगा। इसके अलावा, यात्रा करने वाले भक्तों के समय को काफी बचाएगा।
- इस ब्रिज का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है।
- जिस पुल को ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था, अब उसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है। बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है।