हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हालात को पढ़ने में क्या पुलिस ने चूक कर दी? क्या पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद लोगों के इरादे नहीं समझ पाई? ये वो सवाल हैं जो बनभूलपुरा में हुए बवाल के बाद उठ रहें हैं। आखिर कैसे इतना बड़ा बवाल हो गया जबकि कल ही पूरे राज्य के संवेदनशील इलाकों में पुलिस को सक्रिय रहने के लिए कहा गया था।
मौके पर भीड़ बढ़ती गई, पुलिस समझ नहीं पाई
स्थानीय सूत्रों की माने तो जब नगर निगम की टीम अवैध मदरसा औऱ मस्जिद को गिराने पहुंची तभी उसे लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस फोर्स ने सख्ती दिखाते हुए लोगों को रोक दिया और नगर निगम की टीम को मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसे तक पहुंचा दिया गया। इसके बाद नगर निगम की टीम ने कार्रवाई शुरु कर दी। इसी बीच बनभूलपुरा में इसके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता गया और भीड़ भी बढ़ती गई।
टीम लौटने लगी तो पीछे से बरसे पत्थर
बताया जा रहा है कि नगर निगम की टीम ने अवैध मदरसा लगभग पूरी तरह गिरा दिया और लौटने लगी। इस दौरान पुलिस टीम में भी शामिल पुलिसकर्मी लौटने लगे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान अराजक तत्वों ने पुलिस और नगर निगम की टीम पर पत्थरों से हमला कर दिया। चूंकि पुलिस कर्मी इस अचानक हुए हमले के लिए तैयार नहीं थे लिहाजा वो संभल नहीं पाए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के मीडिया के दिए बयानों के मुताबिक अचानक हुई पत्थरबाजी में पुलिसकर्मियों को खासी चोट पहुंची। पीछे चल रही महिला पुलिसकर्मी इस पत्थरबाजी की चपेट में सबसे पहले आईं। कुछ पुलिसकर्मियों ने हेलमेट पहना था लेकिन कुछ बिना हेलमेट के थे। पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई शुरु की और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस पत्थरबाजी में 50 से अधिक पुुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। इन्हे अलग अलग अस्पतालों में एडमिट कराया गया है।
मीडिया कर्मियों को भी लगी चोट
अचानक हुई पत्थरबाजी में पुलिस के साथ मीडिया कर्मियों को भी चोट पहुंची है। बताया जा रहा है कि अचानक जब पत्थर बरसने लगे तो मीडिया कर्मियों को भी संभलने का मौका नहीं मिला। बरसते पत्थरों की चपेट में आने से कई मीडियाकर्मी चोटिल हो गए। इनका अस्पताल में इलाज किया गया है।
UCC को लेकर पुलिस अलर्ट पर थी तब भी हो गई घटना
उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर पूरे राज्य में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया था। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। बनभूलपुरा राज्य में अत्यधिक संवेदनशील इलाकों में से एक है। इसके बावजूद यूसीसी पारित होने के अगले ही दिन उसी बनभूलपुरा इलाके में इतनी बड़ी घटना पुलिसिया इंतजामों पर सवाल खड़े कर रही है।