भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड सह प्रभारी रेखा वर्मा अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल पर भ्रमित करने वाली बयानबाजी कर रही है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड सह प्रभारी रेखा वर्मा ने महिला आरक्षण बिल पर भ्रमित करने वाली बयानबाजी को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए मातृ शक्ति को सावधान किया है। उन्होंने कहा है कि यही लोग संसद में महिलाओं की नाराजगी के डर से पक्ष में वोट करते हैं और बाहर आकर इस ऐतिहासिक निर्णय पर भ्रम फैलाकर उनका अपमान करते हैं ।
ये महिला सशक्तिकरण के हैं विरोधी – रेखा वर्मा
तीन दिवसीय उत्तराखण्ड प्रवास पर आई रेखा वर्मा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि महिला आरक्षण पर उनके बयान साबित करते हैं कि वे महिला सशक्तिकरण के विरोधी हैं। संसद में उन्होंने बेमन से इस कानून को समर्थन दिया है क्योंकि उनमें मातृ शक्ति की नाराजगी मोल लेने की हिम्मत नहीं थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग संसद में पास इस ऐतिहासिक निर्णय पर तमाम किंतु-परंतु लगाकर संशय खड़ा करने और भ्रमित करने का काम कर रहे हैं उन्होंने सत्ता में रहते 27 साल कुछ नही किया। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए भी 2010 में राज्यसभा में इस बिल को समर्थन देकर तत्कालीन कांग्रेस गठबंधन सरकार का हौसला बढ़ाया था। लेकिन अपनी ही सहयोगी पार्टियों सपा और राजद से घबराकर इनकी लोकसभा में बिल पास कराने की हिम्मत नहीं हुई।
सभी से की महिला विरोधी साजिश से सावधान रहने की अपील
रेखा वर्मा ने कहा कि ये लोग जो तत्काल आरक्षण लागू करने और अन्य तमाम आपत्तियां लगा रहे हैं। उनके पास तो तीन दशक तक खुला मौका था जब वो अपने हिसाब से कानून बना सकते थे। लेकिन उन्होंने कभी कुछ प्रयास नही किया और अब पीएम मोदी ने देश की माताओं बहनों को सम्मान देने और सशक्त करने वाला युग परिवर्तनकारी निर्णय भी उन्हें हजम नहीं हो रहा है ।
सर्वसमित्ति से लिए गए संसद के ऐतिहासिक निर्णय को कांग्रेस नेताओं का जुमला बताना शर्मनाक है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा अगर इतनी ही समस्या थी उन्हें तो जनता में अपनी इमेज बनाए रखने के लिए संसद में बिल को क्यों समर्थन दिया।
अब जब कानून पास हो गया है तो सहयोग करने के बजाय अनर्गल बयानों और भ्रामक जानकारी फैलायी जा रही है। उन्होंने कहा कि ये लोग महिला अधिकारों के दमन को लेकर संसद से शाहबानो प्रकरण की तरह बिल तो ला सकते हैं लेकिन उनके सशक्तिकरण का कानून नही दे सकते। साथ ही उन्होंने माताओं और बहिनों से विशेष रूप से विपक्ष की इस महिला विरोधी साजिश से सावधान रहने की अपील की है ।