नैनीताल हाईकोर्ट ने एक महिला को अपने लिव इन पार्टनर के साथ रहने की इजाजत दी है। जिसके बाद ये फैसला सुर्खियों में हैं। दरअसल महिला को कोर्ट ने ये इजाजत इसलिए दी है क्योंकि महिला अपनी मर्जी से पति को छोड़कर गई थी।
पति और बच्चों को छोड़ लिव-इन पार्टनर के साथ गई महिला
देहरादून के एक जिम ट्रेनर ने अपनी लापता पत्नी के संबंध में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने पर सुनवाई की। जिसमें जिम ट्रेनर ने कहा कि उसकी पत्नी अपने पति, 10 साल के बेटे और छह साल की बेटी को छोड़ कर चली गई।
जिसके बाद वो अब फरीदाबाद में अपने लिव-इन पार्टनर के साथ रह रही है। उसने कहा कि पत्नी की मुलाकात अपने लिव-इन पार्टनर से इंटरनेट मीडिया पर हुई थी।
पत्नी ने पति पर लगाए ये आरोप
सुनवाई के दौरान जिम ट्रेनर की पत्नी ने कहा कि उसका पति उसके साथ दुर्व्यवहार करता था। वो अब उसके साथ नहीं रहना चाहती। उसने अपनी मर्जी से पति और बच्चों को छोड़कर लिव-इन पार्टनर का पास रहने के लिए फरीबाद गई है और वो वहीं रहना चाहती है।
हाईकोर्ट ने दिए लिव-इन पार्टनर के साथ रहने की इजाजत
जिम ट्रेनर की पत्नी की बात सुनने के बाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने महिला को अपना जीवन अपने मन से जीने की अनुमति दी है। कोर्ट ने महिला को लिव-इन पार्टनर के साथ जाने की इजाजत दे दी है।
कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने ये तर्क दिया कि महिला के आरोप गलत हैं। उसने बिना किसी वैध कारण के ही अपने पति को छोड़ दिया है। जिसके बाद सभी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि महिला ने साफ0साफ कहा है कि वो अपनी मर्जी से अपने प्रेमी के साथ रह रही है। इसलिए आगे कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।
साल 2012 में हुई थी शादी
जिम ट्रेनर और उसकी पत्नी की शादी फरवरी 2012 में शादी हुई थी। शादी के 10 साल बाद 37 वर्षीय महिला ने एक व्यक्ति के साथ विवाहेतर संबंध विकसित किया। जिसके बाद सात अगस्त 2022 को अपने परिवार को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरीदाबाद चली गई। महिला अब वापस लौटने से इंकार कर रही है।