देहरादून- बाबा केदार के दर्शन आसानी से नहीं होते। केदारधाम की यात्रा पूरी तपस्या है। गौरीकुंड से केदारधाम की चढ़ाई इतनी मुश्किल है कि अच्छे-अच्छों की सांस फूल जाती है कदम लड़खड़ा जाते हैं।
हम अपने हौंसलों को इस तरह से आजमाते हैं कि पत्थर के शहर में आईनों का घर बनाते हैं। इसी तर्ज पर मिशन केदार दर्शन पर निकले हैं नकली पांव वाले दिव्यांगजन।
गौरी कुंड से केदारधाम की चढ़ाई और केदारधाम से गौरीकुंड की तीखी ढलान के 42 किलोमीटर के दुर्गम सफर पर अपना हौंसला आजमाने निकले हैं राज्य के दिव्यांगजनों की टीम।
इस टीम को आज सूबे के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाकर ‘‘दिव्यांगजन प्रेरणा 2017‘‘ यात्रा के लिए रवाना किया। गजब की बात तो ये है कि ये दिव्यांग जन अपनी सहासिक पैदल यात्रा के दौरान बाबा केदार की धरती का श्रंगार भी करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उन्हें पौध भेंट की। जिन्हें दिव्यांग जन रास्ते में लगाएंगे।
बहरहाल दिव्यांगजनो को यात्रा पर रवाना करते हुए सूबे की सीएम ने सभी का परिचय लिया और पूरी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह यात्रा सिर्फ दिव्यांगजन ही नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति में आत्मविश्वास का संचार कर, प्रेरणास्रोत का कार्य करेगी।