सितारगंज: क्षेत्र में ओवरलोड वाहन यमदूत बनकर दौड़ रहे हैं। अधिक से अधिक चक्कर लगाने के चक्कर में वाहन चालक ओवरलोड वाहनों की दौड़ लगा रहे हैं। ये वाहन अक्सर हादसों का सबब बनते हैं। इनसे होने वाले हादसों में कई लोगों की जानें भी चली जाती हैं।
टनकपुर से सितारगंज के स्टोन क्रशरांे पर यह ओवरलोड वाहन प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आ रहे हैं। जिसमें डंपर, हाईवा जैसे बड़े वाहन शामिल हैं। इन वाहनों में 500 से 800 कुंटल तक के बीच पत्थर बोल्डर और आरबीएम आ रहा है। ये वाहन टनकपुर से बनबसा, चकरपुर, खटीमा, नानकमत्ता होते हुये सितारगंज तक पहुंचते हैं।
डंपर और ट्रक स्टोन क्रशरों में खनन सामिग्री ला रहे हैं। टनकपुर से यहां आने तक इन वाहनों के रास्ते में दर्जन भर थाने व पुलिस चौकियों के साथ ही वन विभाग की चौकियां भी पड़ती हैं। बावजूद इन्हें कहीं नहीं रोका जाता और ही इनका चालान किया जाता है। एक तरफ पुलिस के आला अधिकारी मातहतों को दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के निर्देश दे रहे हैं, दूसरी और ओवरलोड वाहनों को खुली छूट है। इससे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
सितारगंज में बीते चार दिन पूर्व नयागाव में स्थित लक्ष्मी स्टोन क्रशर पर आने वाली नंदोर नदी के पंजिकृत वाहन संचालकों ने 24 घंटे से ज्यादा समय तक जाम लगा दिया था। लक्ष्मी स्टोन क्रशर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जाम लगाया था। गाड़ी मालिकों का कहना था कि 41 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से नंधौर नदी शुरू होने पर रेट तय हुआ था, लेकिन उन्होंने 35 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोर्ड लगा दिया।
जिस पर गाड़ी मालिकों ने 24 घंटे से ज्यादा समय तक जाम लगाए रखा। गाड़ी मालिक अपनी मांगों पर अड़े थे। स्थानीय गाड़ी मालिकों का कहना था कि टनकपुर से सितारगंज ओवरलोड वाहन चल रहे हैं। इस कारण स्थानीय गाड़ियां जो नंधौर नदी से आरबीएम ला रही हैं। इस कारण स्टोन क्रशर रेट गिराए गए हैं। गाड़ी मालिक अपने मांगों पर अड़े हुए हैं।