अफगानिस्तान के कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है। दिल्ली स्थित जामिया के रहने वाले फोटो जर्नलिस्ट दानिश अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे। पत्रकार की हत्या पर अफगानिस्तान के राजदूत ने शोक जताया है।
दानिश ने जामिया मिलिया इस्लामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। फिर 2007 में जामिया में एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्युनिकेशन में डिग्री भी हासिल की थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी और बाद में फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे। साल 2018 में सिद्दिकी अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। एक फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर दानिश ने एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में कई महत्वपूर्ण इवेंट कवर किए। उनके कुछ महत्वपूर्ण कार्यों में अफगानिस्तान और इराक में युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थियों का संकट, हांगकांग विरोध, नेपाल भूकंप, उत्तर कोरिया में सामूहिक खेल और स्विट्जरलैंड में रहने वाले शरणार्थियों की स्थिति शामिल है। दानिश ने इंग्लैंड में मुस्लिमों के धर्मांतरण पर एक फोटाे सीरीज भी तैयार की थी।
सिर और हाथ में गनशॉट के निशान
अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममूदे ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी है. कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके से दानिश सिद्दीकी की बॉडी रिकवर कर ली गई है. उनके सिर और हाथ में गनशॉट के निशान मिले हैं. हत्या किसने की और इसकी वजह क्या थी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं सामने आई है.
दानिश को संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, चीन और भारत में विभिन्न फोटो जर्नलिज्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इससे पहले 13 जुलाई को हुए हवाई हमले से बचने के बाद दानिश ने ट्वीट किया था, ‘जिस हम्वी (बख्तरबंद गाड़ी) में मैं और अन्य सुरक्षाबल यात्रा कर रहे थे, उसे भी कम से कम 3 आरपीजी राउंड और अन्य हथियारों से निशाना बनाया गया। मैं भाग्यशाली था कि सुरक्षित बच गया। मैंने कवच प्लेट के ऊपर से टकराने वाले रॉकेटों के एक दृश्य को कैप्चर कर लिया।