कोटद्वार : लैंसडोन छावनी क्षेत्र में लावारिस कुत्तों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वीआर दि लाइट सामाजिक संस्था की शिकायत पर एसडीएम अपर्णा ढौंडियाल ने लैंसडौन कोतवाल को जांच के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ पुलिस, सेना और एनजीओ अपने स्तर से जांच कर रहे हैं। वहीं इन लावारिस कुत्तों को खाना देने वाले बच्चों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। वहीं ये मामला मेनका गांधी तक पहुंच गया है। मेनका गांधी ने कैंट बोर्ड के सीईओ और सेना को इस मामले से अवगत कराया है। वहीं इस घटना से हड़कंप मच गया है। पुलिस और सेना अपने स्तर से मामले की जांच में जुट गई है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत आवारा कुत्तों को मारा जाना अपराध की श्रेणी में शमिल है।
कुत्तों के लिए घर से रोटी लाते थे बच्चे
मिली जानकारी के अनुसार लैंसडौन के स्कूल बच्चे लावारिस कुत्तों को खाना देते थे। घर से रोटी लाते थे। उस स्थान पर कुत्तों को मरा देख उनके होश उड़ गए। बच्चों ने इसकी शिकायत थाने में की। बच्चों ने कुत्तों की मौत पर कैंडल मार्च भी निकाला। कुत्तों के प्रति बच्चों का प्रेम देख पुलिस और सेना भी प्रभावित हुई। दरअसल हुआ यूं की जिस जगह पर बच्चे कुतों को रोटी देते थे वहां उनको कुत्ते न दिखने पर उन्होंने कुत्तों की तलाशी शुरु की तो नजारा देख उनके होश उड़ गए। बच्चों को कुत्तों के शव दिखे।
बता दें कि लैन्सडौन में धूरा मार्ग स्थित बंशीघाट शमशान घाट के पास लगभग एक दर्जन कुत्तों के मरने की खबर थी। जब दारोगा रियाज अहमद और बच्चे मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां 5 कुत्तों के शव पड़े हुए थे। ये देख बच्चों के होश उड़ गए। आशंका जताई जा रही है कि कुछ कुत्तों को जानवरों ने खा लिया है। बच्चों ने इस मामले से पुलिस समेत सांसद मेनका गांधी, एनजीओ और पुश कल्याण बोर्ड को अवगत कराया। जिसके बाद मेनका गांधी ने कैंड बोर्ड के सीईओ और सेना को इस मामले की तहतीकात करने को कहा है। जांच की जा रही है कि आखिर कुत्तों की हत्या किसने की और किस मकसद से।