उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन के लिए लड़ाई लड़ रहे तकरीबन 5000 टीचर्स के लिए अच्छी खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को इन 5000 टीचर्स को पुरानी पेंशन देने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर है।
दरअसल साल 2006 में उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने 1000 जूनियर हाईस्कूलों को अनुदान सूची में डाला। इन स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की संख्या 5000 के करीब थी। इन शिक्षकों ने यूपी सीनियर बेसिक शिक्षक संघ की ओर से याचिका दायर की थी। शिक्षकों और कर्मचारियों ने कोर्ट से कहा कि केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2005 से नई पेंशन स्कीम लागू की। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 में अनुदान सूची में शामिल स्कूलों के अध्यापकों और कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम में डाल दिया जबकि इनकी नियुक्ति नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले ही हो चुकी थी। शिक्षकों और कर्मचारियों की अपील थी कि वो पुरानी पेंशन के हकदार है। सरकार ने इन शिक्षकों और कर्मचारियों की सैलरी भी 2005 के ग्रेड पे बैंड हिसाब से तय की थी।
कोर्ट ने शिक्षकों और कर्मचारियों की दलील को सही माना है और उत्तर प्रदेश सरकार को इन्हें पुरानी पेंशन का फाएदा देने का आदेश दिया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री आरके निगम ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन शिक्षकों के साथ दूसरे कर्मचारियों को भी Old Pension का फायदा देना चाहिए। इसके लिए हम कई साल से आंदोलन कर रहे हैं।