इस बात से हर कोई वाकिफ है कि देश के अलग-अलग राज्यों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि इससे नुकसान नहीं हुआ है लेकिन लोगों में दहशत जरूर है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिससे लोगों में दहशत फैल गई थी। वहीं बार-बार आ रहे भूकंप को लेकर वैज्ञानिकों ने भी खतरे की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बार-बार भूकंप आना किसी बड़ा खतरे की ओर संकेत है.
वहीं बता दें कि उत्तराखंड में भी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 30 बार भूकंप के झटके धारचूला में महसूस किए गए हैं।इसके साथ ही उत्तरकाशी चमोली देहरादून में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। वहीं अब वैज्ञानिकों ने भूकंप को लेकर उत्तराखंड में चेतावनी जारी की है।
वैज्ञानिकों ने जताई बड़े भूकंप की आशंका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने नेपाल सीमा से लगे काली गंगा घाटी में बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों के कारणों का पता लगा लिया है। साथ ही वैज्ञानिकों ने क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धारचूला क्षेत्र के नीचे एक ऐसी भूगर्भीय संरचना का पता लगा है, जो इस क्षेत्र में बार-बार आ रहे भूंकप के झटकों के लिए जिम्मेदार है। वाडिया के वैज्ञानिकों का यह शोध मई 2021 में ‘जियोफिजिकल जर्नल इंटरनेशनल’ व टेक्टोनोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में कहा गया है कि उत्तर पश्चिमी हिमालय के मुकाबले कुमाऊं हिमालय में क्रस्ट लगभग 38-42 किमी मोटा है। यह क्रस्ट इस क्षेत्र में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों के लिए जिम्मेदार है।
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. देवजीत हजारिका के नेतृत्व में एक टीम ने धारचूला और कुमाऊं हिमालय के आसपास के क्षेत्र में भूकंप के कारण जानने को काली नदी के किनारे 15 भूकंपीय स्टेशन स्थापित किए और तीन साल तक अध्ययन किया। यदि इस क्षेत्र में भूकंप आया तो कम से कम एक लाख की आबादी प्रभावित होगी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल पर भी इसका असर पड़े