रामनगर- एक सप्ताह पूर्व लगभग रामनगर के दो स्थानों से बाईक चोरी का मामला रामनगर कोतवाली में दर्ज किया गया। बताते चलें कि रामनगर निवासी मोहम्मद फैजान पुत्र जहाँगीर ने बुधवार को बाइक भवानीगंज मस्जिद की पार्किंग में खड़ी की थी। वापस लौटने पर फैजान की बाईक पार्किग में नहीं थी। काफी खोजबीन की लेकिन कोई सुराग नही लग सका ।बाइक न मिलने पर रामनगर कोतवाली में बाईक चोरी का मामला दर्ज कराया। वहीं बाईक चोरी की दूसरी घटना ब्रजेश हॉस्पिटल में कार्यरत सलीम निवासी ग्राम तेलीपुरा ने स्पलेंडर बाइक चोरी की रिपोर्ट रामनगर कोतवाली में दी ।
हैरान करने वाली बात यह है कोरोना काल में कर्फ्यू के चलते रामनगर में चप्पे चप्पे पर पुलिस बल मौजूद रहकर वाहनों के चालान काट रही है और वहीं शहर के गली मोहल्लों में जाकर रात-दिन गश्त कर रही है। बावजूद इसके चोरो के हौसले इतने बुलंद है कि दिन दहाड़े चोर बाइकों पर हाथ साफ कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार रामनगर पुलिस अधिकारी ने बाईक चोरी की रिपोर्ट के आधार पर तीसरी आँख के फुटेज खगाले ,फुटेज के आधार पर बाईक चोर की शिनाख्त कराई गई ।शिनाख्त में बाईक चोर रामनगर ग्राम चोपडो निवासी के रूप में की गई ।तीन दिन पूर्व फैजान, ओर सलीम पिरूमदारा पुलिस को लेकर चोपडो पहुँच कर बाईक चोर को घर से हिरासत में लेकर पिरूमदारा पुलिस चौकी ले आई ।पुलिस के पहुंचने पर आरोपी के परिवार के सदस्यों ने पुलिस से काफी मना किया लेकिन पुलिस ने एक न सुनी ।और चौकी ले आयी। तभी आरोपी की पत्नी अपने पति से मिलने चौकी पहुँची तो मौके पर मौजूद पुलिस ने आरोपी की पत्नी को गेट के अन्दर घुसने तक नहीं दिया। रात में घर न पहुँचने पर पत्नी ने अपने परिजनों को इस मामले को सूचना देकर अवगत कराया तो परिजन चौकी पहुँचे बावजूद इसके पुलिस ने मिलने से मना कर दिया।
तभी परिजनों ने आरोपी के स्टोन क्रशर स्वामी से संपर्क कर पूरी घटना की जानकारी दी तुरन्त स्टोन क्रशर स्वामी पुलिस चौकी पहुँचा तो पुलिस ने फुटेज दिखा दिया।फुटेज देखने के बाद फुटेज को नकार दिया। आरोपी के मामले में क्रेशर स्वामी ने पूरी जानकारी दी और जिस समय बाईक चोरी की घटना को चोर ने अंजाम दिया उस समय पुलिस की हिरासत में बैठा व्यक्ति क्रेशर पर मौजूद था। यह देख पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को परिजनों के हवाले कर दिया। देखा जाए तो मौके पर परिजन ओर स्टोन क्रेशर स्वामी नहीं पहुँचते तो पुलिस बेगुनाह को चोरी के आरोप में संगीन धाराए लगाकर जेल भेज देती। जो एक पुलिस प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।