नई दिल्ली: देश में कोरोना की बेकाबू रफ्तार ने गंभीर संकट पैदा कर दिया है. सरकार की तरफ से उठाए गए सारे प्रयास नाकाफी दिख रहे हैं और कोरोना के मरीज लगातार दम तोड़ रहे हैं. इस बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अहमदाबाद की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला की ‘विराफिन’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
अस्पतालों को विराफिन उपलब्ध कराई जाएगी
जायडस कैडिला ने कहा कि Pegylated Interferon alpha-2b, ‘Virafin’ को कोविड-19 संक्रमति वयस्कों में आपात इस्तेमाल से काफी मदद मिलती है. जायडस कैडिला ने कहा कि अस्पतालों को ‘विराफिन’ मुहैया कराई जाएगी. इससे पहले जाइडस कैडिला ने कोविड-19 के इलाज में PegiHep दवा की ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मांगी थी.
91.15 फीसद असरदार
कंपनी ने कहा था कि Pegylated Interferon Alpha 2b या PegiHep दवा 91.15 फीसद असरदार साबित हुई है. शुरुआती तीसरे चरण के मानव परीक्षण में दवा से आशाजनक नतीजे मिले थे. अंतरिम नतीजों से संकेत मिला कि दवा को समय रहते देने पर मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती और बीमारी के विकसित चरणों में देखी गई जटिलता को टाल सकती है.
क्या है कंपनी का दावा?
फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी का कहना है कि 91.15 फीसदी कोरोना के वयस्क मरीजों का Virafin के साथ इलाज करने पर सात दिनों में उनकी कोरोना RT- PCR रिपोर्ट निगेटिव आई है. कंपनी ने कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीजों पर पेगिलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2b दवा का क्लीनिकल ट्रायल किया. जिसमें पाया गया कि 91.15% मरीज सात दिन में ही RT-PCR निगेटिव हो गए. इस दवा का ट्रायल भारत में 20 से 25 केंद्रों पर किया गया था.
कैसे करती असर?
दावा किया गया है कि उम्र बढ़ने से शरीर की वायरस के संक्रमण से लड़ने में इंटरफेरॉन अल्फा बनाने की क्षमता कम हो जाती है. यह कोरोना पॉजिटिव उम्रदराज लोगों की मौतों का कारण बन सकता है. अगर जल्द ही पेगिलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2b दी जाती है तो यह दवा इस कमी को दूर कर रिकवरी प्रक्रिया में तेजी ला सकती है. जिससे, मरीज की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है.