देहरादून : एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि अस्पतालों में बेड पर्याप्त हैं और मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं मिल रही हैं तो दूसरी तरफ इन तस्वीरों ने सरकार के दावों को गलत साबित किया। सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित जिले देहरादून में ऐसी तस्वीर दिखी जिसने सारे चिकित्सा सुविधाओं का दावा करने वाली सरकार को झूठा साबित किया। बता दें कि देहरादून के कई अस्पतालों में बेड तो फुल हो गए थे जिसके बाद अब मोर्चरी भी फुल होने लगी है। देहरादून में हालात ये हो गए हैं कि मोर्चरी में शव रखने पर तक की जगह नहीं मिल पा रही है। लोगों की लंबी कतारें लगी है जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए लोगों में खौफ है तो वहीं चिकित्सा सुविधाओं की सच्चाई सामने आने लगी है। कहीं कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे तो जिन्होंने दम तोड़ दिया उनके शवों को रखने के लिए मोर्चरी में जगह नहीं बची है। लोगों को सामान्य से लेकर आईसीयू में बेड नहीं मिल पा रहे हैं जिससे मरीज और उनके तीमारदार परेशान हैं। घंटों खड़े इस का इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें बेड मिलेगा और इलाज शुरु होगा।
अस्पतालों में मरीजों के तीमारदार दर दर भटक रहे हैं । बता दें कि मामला दून अस्पताल का बुधवार का है जहां पहुंचे एक व्यक्ति को आपातकालीन कक्ष में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत होने पर और मोर्चरी में जगह न होने पर अस्पतालकर्मियों को मजबूरन परिजनों को शव को वापस ले जाने के लिए कहना पड़ा। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कॉलेज और अस्पताल प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। संसाधनों की कमी न आए इसके लिए लगातार शासन-प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है। फिर भी स्थिति नाजुक बनी हुई है। इसे लेकर तमाम समस्याएं आ रही हैं। जल्द ही शासन-प्रशासन के सहयोग से अस्पताल और कॉलेज प्रबंधन द्वारा उनका समाधान कर दिया जाएगा।