देहरादून : गुमशुदगी के मामलों की जांच में लापरवाही की बात सामने आने पर डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग ने नाराजगी जाहिर की है। डीआईजी ने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मामलों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। इसी के साथ लंबित मामलो के निपटारे और नाबालिग गुमशुदगी के मामलों की विवेचना में तेजी लाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।
आपको बता दें कि शनिवार को डीआइजी नीरू गर्ग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रेंज के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि गुमशुदगी प्रकरणों की समीक्षा करने पर विवेचना का स्तर निम्न कोटि का पाया गया। जिस पर उन्होंने एसएसपी और एसपी को खुद पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए। भविष्य में लापरवाही पाए जाने पर क्षेत्राधिकारी के साथ ही एसएसपी-एसपी की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। डीआईजी ने कहा कि नाबालिग गुमशुदगी प्रकरणों में मानव तस्करी की आशंका रहती है। ऐसी घटनाओं पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करते हुए शत-फीसद बरामदगी की जाए उन्होंने निर्देशित किया कि परिक्षेत्रीय स्तर से प्रेषित जन शिकायती प्रार्थना पत्रों पर तत्काल कार्रवाई कर समयबद्ध निस्तारण किया जाए। तीन माह से अधिक समय से लंबित विभागीय कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। आगामी चारधाम यात्रा को सुगम व सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए समस्त जनपदों को नए सिरे से डेंजर जोन और बॉटल नेक चिह्नित करने के निर्देश दिए गए।
साथ ही चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रूट पर तैनात पुलिस कर्मियों को जो बुकलेट प्रदान की जाएंगी, उसमें संपूर्ण यात्रा रूट की जानकारी के साथ ही जनपदों के पर्यटक स्थल (फोटो सहित), होटल-गेस्ट हाउस, बस-टैक्सी संचालकों, समस्त थाने-चौकियों, समस्त थाना-चौकी इंचार्ज, प्रशासन के महत्वपूर्ण अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी अंकित कराए जाएं। ऑनलाइन बैठक में एसएसपी देहरादून डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदेई, एसएसपी पौड़ी पी रेणुका देवी, एसएसपी टिहरी तृप्ति भट्ट, एसपी चमोली यशवंत सिंह, एसपी उत्तरकाशी मणिकांत मिश्रा, एसपी रुद्रप्रयाग आयुष अग्रवाल आदि शामिल रहे।
डीआइजी नीरू गर्ग ने निर्देश दिए कि परिक्षेत्र के जनपदों की अपराध स्थिति की समीक्षा की जाए। जिसमें डकैती, लूट, चोरी, वाहन चोरी, नकबजनी व अन्य संपत्ति संबंधी अपराधों का शीघ्र अनावरण किया जाए। हत्या, दहेज हत्या, दुष्कर्म, अपहरण व महिला अपराध जैसे गंभीर अपराधों का निश्चित समयावधि में अनावरण किया जाए।