देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना काल से लेकर अब कोरोना वैक्सीनेशन तक की लगभग सभी तैयारियों पर त्रिवेंद्र सरकार खरा उतरी है। जहां एक तरफ राज्य सरकार कोरोना महामारी के दौरान कोरोना मरीजों के बढ़ते आंकड़ों पर नियंत्रण पाने में कामयाब रही, तो वहीं लॉकडाउन में त्रिवेंद्र सरकार गरीब परिवारों की मददगार साबित हुई। महामारी के दौर में ना किसी को भूखा सोने दिया और ना ही किसी तरह की परेशानी होने दी।
भारत में कोरोना वैक्सीन की मंजूरी के बाद अब 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू होने वाला हैं जिसके लिए सभी राज्यों में लगभग तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वहीं, उत्तराखंड में भी त्रिवेंद्र सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीनेशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इतना ही नहीं राज्य में दो बार ड्राइ रन हो चुका है। हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग दी गई है। ताकि राज्य की जनता को कोरोना वैक्सीन के लिए जागरूक किया जा रहा है।
वही बात अगर कोरोना काल की करे तो महामारी के दौर में त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से और कोरोना वॉरियर्स की मदद से महामारी को नियंत्रित रखने में सफल रही है। कोरोना मरीजों की संख्या पर काबू पाया तो वहीं, रिकवरी रेट भी उत्तराखंड में सबसे बेहतर रहा है। इतना ही नहीं कोरोना काल में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी बेहतर किया गया है। सभी कोरोना मरीजों की सुविधा का खास ध्यान रखते हुए उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।
साथ ही लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने किसी भी परिवार को भूखा नही सोने दियां ऐसे वक्त में सरकार उन गरीब परिवारों के सहायक के रूप में खड़ी नजर आई, जिनके पास आय के साधन नहीं थे। सरकार ने उनके घरों तक भी राशन पहुंचाया और उनकी मदद की। इतना ही नहीं उत्तराखंड वापस लौटे प्रवासियों के लिए भी त्रिवेंद्र सरकार ने हर संभव मदद से लेकर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में काम किया। प्रवासियों के लिए शुरू कि गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना वरदान साबित हो रही है।