देहरादून : देहरादून में अपराध को अंजाम देकर फरार होना अब अपराधियों के लिए आसान नहीं होगा। पुलिस की चप्पे चप्पे पर नजर होगी। जी हां डीआईजी ने 3 दिसंबर से 15 दिवस का ‘‘ऑपरेशन थर्ड आई‘‘ नाम से विशेष अभियान चलाये जाने के आदेश दिये हैं। जिसका मुख्य उदेश्य अपराध की रोकथाम-वर्कआउट के साथ-साथ अपराधियो में खौफ पैदा करना और जनपद देहरादून को सीसीटीवी ग्रीड बनाये जाने के मामले में देश का सर्वोत्तम स्थान बनाना है। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने समस्त थाना प्रभारी को निर्देशित किया कि अपने-अपने सर्किल एवं थाना क्षेत्रों में ऐसे स्थान जो अपराध के दृष्टिकोण से संवेदनशील हैं, उन स्थानों को चिन्हित कर लिया जाये और इन स्थानों में लगाये जाने वाले कैमरों की संख्या का आकलन कर कैमरे लगाये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
डीआईजी ने निर्देश दिए कि उन स्थानों को चिन्हित करते हुये जन सहयोग/जन प्रतिनिधियों से व्यक्तिगत सम्पर्क कर उन स्थानों पर कैमरे लगाना सुनिश्चित करें। समस्त चौकी एवं हल्का प्रभारी व्यक्तिगत रूप से ऐसे स्थान चिन्हित करेंगे जहॉ कैमरों की संख्या कम हो। अभियान के दौरान लगाये जाने वाले कैमरों की फनंसपजल (गुणवत्ता) पर विशेष फोकस किया जाये, सभी थाना/हल्का/चैकी प्रभारी प्रयत्न करें, अभियान के दौरान जो भी कैमरे लगाये जायें उनकी गुणवत्ता उच्च कोटि की हो, जैसे नाइट वर्जन, आईपी कैमरा और सभी कैमरा में बैकअप कम से कम एक माह को हो।4-बाजार क्षेत्रों में/रूटों पर यह फोकस किया जाये कि कैमरे का रूख ऐसी दिशा में हो जिसमें संदिग्ध अपराधी/वाहन की पहचान हो सके।5-सभी चीता मोबाईल अपनी-अपनी बीट पुस्तिका में निर्धारित प्रारूप में सम्बन्धी सूचना को रखेंगे, जिससे उनके क्षेत्र में घटित अपराध की रोकथाम/वर्कआउट के दृष्टिगत सहयोग मिल सके।6-समस्त थाना प्रभारी व्यक्तिगत रूप से व्यापार मण्डल/रेजिडेंट वैलफेयर सोसाइटी आदि से अनुरोध कर अधिक से अधिक लगवा कर अभियान को सफल बनायेंगे।
15 दिन बाद होगी मॉक ड्रिल
अभियान खत्म होने के बाद एक मॉक ड्रिल होगी, जिसमें किसी भी क्षेत्र में आपराधिक घटना घटित होने की सूचना वायरलेस के माध्यम से दी जाएगी। घटना के बाद देखा जाएगा कि जिस क्षेत्र में अपराध की सूचना दी गई है, वहां पर कितने कैमरे लगे हैं, और उनसे कितनी मदद मिलेगी। इसकी मॉनीटरिंग खुद डीआइजी करेंगे।
तहसील चौक पर पिछले दिनों महिला के साथ हुई लूट की घटना के बाद पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगाने की योजना बनाई है। लूट की घटना में कैमरों से मदद न मिलने के कारण पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
डीआइजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो जाता है, जिसकी तलाश करने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। यदि सभी थाना क्षेत्रों में सीसीटीवी लगे होंगे तो अपराधी तक पहुंचने में मदद मिल सकेगी। इसी उद्देश्य से थर्ड आइ ऑपरेशन शुरू किया गया है।