देहरादून: कोरोना के कहर से हर कोई डरा है। देशभर में लाॅकडाउन चल रहा है। लोगों को मास्क और सैनिटाइजर बांटे जा रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी खबर ये सामने आ रही है कि देहरादून के प्राइवेट मेडिकल काॅलेज जूनियर डाॅक्टरों की जिंदगी को दांव पर लगाकर खिलवाड़ कर रहे हैं।
बताया जा रहा है की प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में अब तक जूनियर डाॅक्टरों को मास्क और गलब्ज तक नहीं दिये गए हैं। इतना ही नहीं, ये स्थिति तब है, जब जूनियर डाॅक्टरों को कोरोना के संदिग्ध मरीजों के उपचार की जिम्मेदारी दी जा रही है। ऐसे में उनको कोरोना के संक्रमण का बड़ा खतरा हो गया है।
जौलीग्रांट मेडिकल काॅलेज के एक जूनियर डाॅक्टर के पिता भारत भूषण ने खबर उत्तराखंड को फोन पर बताया कि जूनियर डाॅक्टरों की जिंदगी के साथ प्राइवेट मेडिकल काॅलेज खिलावाड़ कर रहे हैं। उनसे कोरोना संदिग्धों का इलाज तो कराया जा रहा है, लेकिन उनको ना तो मास्क दिये जा रहे हैं और ना गलब्ज ही दिये गए हैं।
ऐसे में अगर किसी संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट पाॅजिटिव आती है, तो उनसे जूनियर डाॅक्टरों को भी संक्रमण का खतरा हो सकता है। सवाल ये है कि इतने गंभीर मामले में आखिर प्राइवेट मेडिकल काॅलेज संचालक और प्रबंधन इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं। ऐसे मामलों को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए और काॅलेज संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।