पौड़ी गढ़वाल : देश ही नहीं विदेशों में भी उत्तराखंडियों का बोल बाला है फिर चाहे वो खेल के क्षेत्रमें हो या देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी हो या बात अदाकारा की हो उत्तराखंडियों की अलग पहचान है. औऱ ऐसा ही हुआ न्यजीलैंड में जहां पौड़ी के छोटे से गांव की लड़की न्यूजीलैंड की उच्चायुक्त बनी.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन न्यूजीलैंड के उच्चायुक्त बनी कुमकुम पंत पौड़ी लौटी तो पूरे आत्मविश्वास से भरी हुई थीं। पौड़ी पहुंचकर कुमकुम ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें न्यूजीलैंड का उच्चायुक्त बनने का मौका मिला।
पौड़ी गढ़वाल जिले के गांव भट्टी की निवासी ही कुमकुम
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय पौड़ी से 20 किलोमीटर दूर भट्टी गांव की रहने वाली कुमकुम 12वीं की छात्रा है। उनके पिता विपिन पंत शिक्षक हैं और मां पूनम पंत गृहणी। उत्तराखंड में बाल अधिकारों को लेकर काम रही गैर सरकारी संस्था भुवनेश्वरी महिला आश्रम से जुड़ी कुमकुम उन 34 बालिकाओं में शामिल थीं, जिन्हें 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक दिन के लिए विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी गईं थीं। बतौर उच्चायुक्त कुमकुम ने दूतावास के अधिकारियों के साथ बैठक में दुनिया में लैंगिंक समानता को लेकर विचार विमर्श भी किया।
लैंगिक असमानता मुद्दे पर दिया जोर
इस दौरान कुमकुम ने कहा कि आज के दौर में महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है। इसलिए लैंगिक असमानता का भेदभाव अब खत्म कर दिया जाना चाहिए। कुमकुम का कहना था कि दुनिया भर में लैंगिक समानता को लेकर कानून बने हुए हैं। लेकिन हालात फिर भी विपरीत है। खासकर उत्तराखंड के बारे में उन्होंने विषम भौगोलिक परिस्थिति में बसे प्रदेश में संचार व्यवस्था को लेकर भी अपना सवाल उठाया, कुमकुम ने बतौर उच्चायुक्त यह कहा कि सरकार को बालिकाओं को लेकर चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देने के लिए सिर्फ रेडियो, टीवी तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। बल्कि नुक्कड़ नाटक और कठपुतली जैसे पारंपरिक तरीके भी अपनाए जाने चाहिए।
कुमकुम पंत ने बताया कि 11 अक्टूबर को 9:00 बजे वह नई दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड के उच्चायोग पहुंची। सुबह 9:15 बजे उन्होंने उच्चायुक्त जोना कैम्पकर्स से चार्ज लिया, जिसके बाद 11:30 बजे तक उच्चायुक्त कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से परिचय प्राप्त कर उनकी बैठक की। दोपहर 12:00 बजे से 2:30 बजे तक दूतावास की ओर से चलाए जा रहे स्कूल का भ्रमण किया और 3:00 बजे जोना को विधिवत कार्यभार सौंप दिया।