उत्तराखंड देवभूमि के साथ साथ वीरों की भी भूमि है। जब-जब देश की आन-बान पर कोई भी संकट आया तब उत्तराखंड के जांबाज हमारे देश की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहे है। यही वजह है कि जब जब सैनिकों की शहादत को याद किया जाता है तो उत्तराखंड के वीरों के अदम्य साहस के किस्से हर जुबां पर होते हैं। उत्तराखंड के 75 सैनिकों ने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किये।
75 उत्तराखंड के सैनिक हुए शहीद
साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पड़ोसी मुल्क की सेना को चारो खाने चित कर जीत अपने नाम की थी। इस युद्ध में भारतीय सेना के 523 जवानो शहीद हुए थे।और इनमे से 75 जांबाज उत्तराखंड के थे। कारगिल युद्ध के दौरान जब गढ़वाल रेजीमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड पर हेलीकाप्टर से बलिदानियों ने 9 शव एक साथ उतारे गए तब पूरा पहाड़ अपने लाडलो की याद मे रो पड़ा था।
गढ़वाल राइफल्स के 47 और कुमाउं रेजीमेंट के 16 जवान
जानकारी के अनुसार गढ़वाल राइफल्स के 47 जवान बलिदान हुए थे जिनमे 41 उत्तराखँड मूल के थे। कुमाऊ रेजीमेंट के भी 16 जाबाजो ने प्राण न्योछावर किए। इस आपरेशन में जवानो ने कारगिल, द्रास, मशकोह, बटालिक जैसी दुर्गम घाटी में दुश्मन से जमकर लोहा लिया। वर्तमान में भी सूबे के हजारों लाल सरहद की निगहबानी के लिए मुस्तैद हैं।
कारगिल युद्ध में जिलेवार शहीदों के आकंड़े
जनपद शहीद
देहरादून 28
पौड़ी 13
टिहरी 08
नैनीताल 05
चमोली 05
अल्मोड़ा 04
पिथौरागढ़ 04
रुद्रप्रयाग 03
बागेश्वर 02
ऊधमसिंह नगर 02
उत्तरकाशी 01
कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिको को हमेशा याद किया जाएगा।