देहरादून : बहुचर्चित आइजी गढ़वाल की सरकारी कार से लूट के मामले में दारोगा दिनेश नेगी को बड़ी राहत मिली है। उन्हें बहाल कर दिया गया है। बता दें कि दिनेश नेगी अभिसूचना विभाग में दारोगा हैं, जिन्हें अभी तक तैनाती नहीं मिल पाई है।इसी के साथ इस मामले में निलंबित चल रहे दो दो कांस्टेबल अभी निलंबित ही हैं। उनपर भी विभाग जल्द फैसला ले सकता है।
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मामला 2019 का, मामले ने खूब बटोरी थी सुर्खियां
आपको बता दें कि ये मामला 2019 का है जब लोकसभा चुनाव थे। 2019 में इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। दारोगा और समेत दो सिपाहियों ने उत्तराखंड पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी कराई थी। इस केस में डालनवाला कोतवाली में सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
प्रॉपर्टी डीलर ने 3 पुलिसकर्मियों और कांग्रेस नेता पर लगाया था लूट का आरोप
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आपको बता दें कि 2019 में एक प्रॉपर्टी डीलर ने दारोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों और एक कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।उसका आरोप था कि उसे एक सफेद रंग की स्कार्पियो कार सवार पुलिसकर्मियों ने रोका और खुद को चुनाव स्टेटिक टीम से बताकर रुपयों से भरा बैग उससे ले लिया और स्कार्पियो में रखकर फरार हो गए। जब मामले की जांच की गई तो सीसीटीवी में आईजी गढ़वाल रेंज अजय रौतेला की कार दिखी और पुलिसकर्मियों की पहचान दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी और हिमांशु उपाध्याय के रूप में हुई। मामले की जांच एसपी देहात कर रहे थे। लूट में तीनों पुलिसकर्मियों को आरोपित ठहराया था और निलंबित किया गया था। तीनों के खिलाफ अभी कोर्ट में केस विचाराधीन है।
ये सारा वाक्या राजपुर रोड स्थित एक होटल के पास का था. इस दौरान पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी हुई थी। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि बैग में कितने रुपये थे। लेकिन जानकारी मिली है कि बैग में 100, 500 व 2000 रुपये के नोट थे लेकिन कितने थे, इसकी भी जानकारी अब तक नहीं लग पाई है