रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में बृहस्पतिवार की रात को हुए भूस्खलन के कारण 17 लोग अब भी लापता हैं। लोगों की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान अब भी जुटे हुए हैं। लेकिन भारी बारिश रेस्क्यू अभियान में बाधा बन रही है।
गौरीकुंड में हुए भूस्खलन में 17 लोग अब भी लापता
केदारनाथ पैदल मार्ग में गौरीकुंड पर बृहस्पतिवार की रात को हुए भूस्खलन में 17 लोग अब भी लापता हैं। जबकि चार शव बरामद कर लिए गए हैं। लापता लोगों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू अभियान अब भी चल रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं के जवान रेस्क्यू में जुटे हुए हैं।
भारी बारिश बन रहा रेस्क्यू में बाधा
गौरीकुंड में लागातार भारी बारिश हो रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी बारिश बाधा बन रही है। आज सुबह 5.30 बजे से फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है। आज सुबह से ही गौरीकुंड बारिश हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक लापता लोगों में ज्यादातर नेपाल मूल के रहने वाले हैं।
देश के अधिक भूस्खलन खतरे वाले जिलों में रूद्रप्रयाग
रूद्रप्रयाग में अक्सर भूस्खलन आते रहते हैं। साल 2013 में आए भूस्खलन और बाढ़ में 4500 लोग मौत के आगोश में सो गए थे। जबकि हजारों लोग लापता हो गए थे। बता दें कि उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला देश के 10 सबसे ज्यादा भूस्खलन के खतरे वाले जिलों में पहले स्थान पर है।