मध्य प्रदेश के खरगोन में देशभर में प्रसिद्ध संत 110 वर्षीय Siyaram Baba ने बुधवार सुबह करीब 5 बजे देहत्याग दी। देशभर के श्रद्धालुओं में उनके निधन की खबर के बाद से शोक और निराशा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु अंतिम बार बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
बता दें कि बाबा पिछले 10 दिनों से अस्वस्थ थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम बाबा के स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए थी। इंदौर एमवायएच और खरगोन के डॉक्टरों की टीम आश्रम में ही बाबा के उपचार में लगी हुई थी। बाबा को निमोनिया होने से उनका इलाज किया जा रहा था। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसएस सिसौदिया ने बाबा के निधन की पुष्टि की है।
दान में लेते थे सिर्फ 10 रुपये
सियाराम बाबा को लेकर सेवादार बताते हैं कि हनुमान भक्त बाबा दान स्वरुप ज्यादातर 10 रुपये ही लेते थे। इस धनराशि को नर्मदा घाटों की मरम्मत और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के लिए दे देते थे। सेवादारों के मुताबिक, बाबा ज्यादा पढ़ें लिखे तो नहीं थे, फिर भी लगातार रामचरितमानस का पाठ करते रहते थे। इसी के साथ बाबा आश्रम में रहने वाले भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर सकारात्मक ऊर्जा से भर देते थे, जिसके चलते उनके अनुयायियों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी।
12 साल तक एक पैर पर खड़ें होकर तपस्या
बाबा के सेवादारों ने बताया कि बाबा ने 12 साल तक एक पैर पर खड़ें होकर तपस्या की थी। वे सभी मौसम में लंगोट ही पहनते थे। वे अपना काम काज खुद करने के अलावा खाना भी खुद बनाते थे।