रामनगर : रामनगर वन विभाग के अधिकारियो ने माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार रिसोर्ट स्वामियों से रिसोर्ट में पल रहे 8 हाथी कब्जे में किये थे जिनको पालने में अब वन विभाग के अधिकारियो के पसीने छूट रहे हैं।
पिछले 1 माह में 36 लाख का खर्चा
डीएफओ ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी और बताया कि पिछले 1 माह में 36 लाख का खर्चा इन हाथियों को पालने में वन विभाग लगा चुका है और हर महीने अब 12 लाख इनके खान पान देख रेख और 3 लाख इनकी सुरक्षा में खर्च होगा जिससे हर माह 15 लाख रूपये का खर्च इन हथियो को पालन-पोषण में आएगा और अगर कोई बीमारी इनको लगती है तो ये खर्चा बढ़ भी सकता है. अब वन विभाग बजट का रोना रो रहा है. राज्य सरकार को विभाग इस का परपोज़ल बना के भेज चुका है कि इन हथियों को पलने में कितना खर्चा आ रहा है.
आप को बता दें की इन सभी हथियो को हाई कोर्ट के आदेशों के बाद इनके मालिकों से वन विभाग ने कब्ज़े में लिया था. इससे पूर्व इन हाथियों का इस्तेमाल रिसोर्ट स्वामी हाथी सफारी में किया करते थे. जब की वन विभाग के पास यह हाथी हैं तो इनकी देख-रेख में वन महकमे के माथे पर पसीना आ गया है और हाथियों को पालना मुश्किल होता जा रहा है