भारतीय कुश्ती में पिछले साल 2023 से ही कुछ भी ठीक नहीं चल रही है। पिछली बृजभूषण सिंह के खिलाफ सीनियर पहलवानों ने जमकर प्रदर्शन किया और अब एक बार फिर साल 2024 में जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरु हो गया है। इस बार ये प्रदर्शन किसी अध्यक्ष के खिलाफ नहीं बल्कि सीनियर पहलवान साक्षी, बजरंग और विनेश के खिलाफ शुरु हुआ है।
दरअसल, सीनियर पहलवानों के प्रदर्शन के बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। उसके बाद चुनाव होकर जीते नए अध्यक्ष संजय सिंह का भी विरोध किया गया। साक्षी मलिक ने संयास का ऐलान किया और बजरंग पूनिया और विनेश ने अपने पुरस्कार वापस कर दिए। खेल मंत्रालय ने फिर कुश्ती संघ को ही निलंबित कर दिया। लेकिन अब बुधवार 3 जनवरी 2024 को एक बार फिर पहलवान जंतर-मंतर पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बार यह विरोध साक्षी, बजरंग और विनेश के खिलाफ किया जा रहा है।
कई राज्यों से जंतर-मंतर पहुंचे पहलवान
सैकड़ों जूनियर पहलवान अपन करियर के एक महत्तवपूर्ण वर्ष के नुकसान के विरोध में जंतर-मंतर पर एकत्र हो गए हैं। इस स्थिति के लिए उन्होनें पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विने< को दोषी ठहराया है। बसों में भरकर जुनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी।
बजरंग, साक्षी, विनेश के खिलाफ जोरदार नारे
लगभग 300 लोग छपरौली, बागपत में आर्य समाज अखाड़े से आए थे, जबकि कई अन्य नरेला मे वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से आए थे। बजरंग, साक्षी, विनेश के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों के हाथ में बैनर था जिन पर लिखा था, यूडब्ल्यूडब्ल्यू हमारी कुश्ती को इन तीन पहलवानों से बचाएं।
क्या है विरोध करने वालों की मांग?
इन तीनों को अब अपने समुदार के भीतर से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जंतर मंतर पर इकट्ठा लोगों ने उन पर अपना करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया है। जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताएं रुकी हुई हैं क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ को दो बार निलंबित कर दिया गया है। अब एक तदर्थ पैनल खेल का संचालन कर रहा है। विरोध करने वालों ने मांग की है कि खेल मंत्रालय द्वारा खेल को चलाने के लिए नियुक्त किए गए तदर्थ पैनल को भंग करके निलंबित भारतीय कुश्ती संघ को बहाल किया जाए।